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(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
ऑटो रिक्शा ड्राइवर की बेटी Manya Singh बनीं Miss India की रनरअप, गरीबी में बीती जिंदगी, कई रात भूखे भी सोईं
यकीनन मान्या आज कई यंग लड़कियों की प्रेरणा बन गई हैं.
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View In Appमान्या ने आगे कहा कि ‘अगर आप कड़ी मेहनत और जुनून के साथ कोशिश करेंगे, तो आपके सपने जरूर पूरे होंगे. इसके साथ ही मान्या ने लिखा कि उन्हें उनके पिता पर गर्व है’.
मान्या ने आगे बताया कि ‘ मेरे पास जो भी कपड़े थे, वो मेरे खुद के सिले हुए थे. किस्मत मेरे साथ नहीं थी. मेरी डिग्री की फीस देने के लिए मां और पिता ने जेवर भी गिरवी रख दिए थे. मेरी मां ने मेरे लिए बहुत कुछ सहा है. जब मैं 14 साल की थी तो घर से भाग गई थी’ इसके आगे मान्या ने बताया कि ‘ मैं दिन में पढाई करती थी और शाम के टाइम बर्तन साफ करती थी. वहीं रात को मैं कॉल सेंटर में जॉब करती थी. मैंने जहां भी जाती पैदल जाया करती ताकि रिक्शे के पैसे बचा सकूं.
मान्या सिंह के पिता एक ऑटो रिक्शा ड्राइवर हैं. उनका जीवन काफी मुश्किलों में बीता है. हालात ऐसे भी रहे कि कई रातों को उन्हें भूखे भी सोना पड़ा. लेकिन इन सब के बावजूद मान्या ने हालात के आगे घुटने नहीं टेके और उनसे लड़ने की ठान ली.
उत्तर प्रदेश की मान्या सिंह ने ये ताज तो अपने नाम कर लिया लेकिन, उनके लिए ये राह आसान नहीं थी. मान्या ने अपने इंस्टाग्राम पर स्टोरी शेयर की है, जिसमें उन्होंने संघर्ष के साथ ही अपनी जर्नी को शेयर किया है.
10 फरवरी को मुंबई में मिस इंडिया प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था, जिसमें मान्या ने फर्स्ट रनर-अप का ताज अपने नाम कर लिया.
जिनमें कुछ कर गुजरने का जज्बा होता है मंजिल उन्हीं के कदम चूमती है. जी हां ये चंद लाइने आज मान्या सिंह पर बिल्कुल फिट बैठती हैं. वो मान्या सिंह जिन्हें कल’ तक कोई नहीं पहचानता था, आज हर किसी के जुबान पर उन्हीं का नाम है. मान्या सिंह फेमिना मिस इंडिया 2020 की रनर-अप चुनी गईं हैं.
इंस्टाग्राम पर अपने परिवार की तस्वीरों को शेयर करते हुए मान्या ने लिखा कि, 'मैंने बिना खाए पिए भूखे रह कर कई रातें बिताई हैं. मैं ना जाने कितने दिन दोपहर में मीलों पैदल चली. मेरा खून, पसीना और आंसू मेरी आत्मा के लिए खाना बने और मैंने सपने देखने की हिम्मत जुटाई. रिक्शा चालक की बेटी थी. मुझे कभी स्कूल जाने का मौका नहीं मिला क्योंकि मैंने कम उम्र में ही काम करना शुरू कर दिया था’.
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