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(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
बीवी या मां नहीं... इस महिला ने पलट दी 'बाहुबली' डायरेक्टर राजामौली की जिंदगी, लोग मुंह पर मारते थे ऐसे ताने
साउथ फिल्म इंडस्ट्री के बाहुबली डायरेक्टर माने जाते हैं एसएस राजामौली. अब तक ढेरों फिल्मों का निर्माण कर चुके एसएस राजमौली की फिल्में सिर्फ साउथ में ही नहीं बल्कि पूरे देशभर में चलती हैं.
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View In Appमगधीरा से लेकर बाहुबली और आरआरआर जैसी धमाकेदार फिल्में देने वाले एसएस राजामौली ने इस अचीवमेंट को पाने के लिए काफी स्ट्रगल किया है.
बाहुबली और बाहुलबी 2 से उन्होंने पूरे देश का दिल जीत लिया था. एसएस राजामौली को ये सफलता ऐसे ही नहीं मिली इसके पीछे उनका सालों का स्ट्रगल रहा. कहते हैं ना हर सक्सेसफुल आदमी के पीछे एक महिला का हाथ होता है. राजामौली के केस में ये बात सच है लेकिन जिस महिला ने उनकी जिंदगी पलटी वह उनकी बीवी या मां नहीं थीं. बल्कि उनकी भाभी थीं.
जी हां, एक इंटरव्यू में उन्होंने खुद इस बारे में बताया था कि वह अपनी भाभी को भाभी नहीं अम्मा कहकर पुकारते हैं.
आखिर क्यों इतनी अहमियत देते थे राजामौली अपनी भाभी को? दरअसल,राजा मौली एक बहुत ही रिच फैमिली से बिलॉन्ग करते थे. उनका अच्छा खाना पीना रहना सहना था, पर फिर उनके परिवार में दुख के बादल छाए और उन्हें गरीबी के दिन देखने पड़ गए.
राजामौली के पिता के पास कर्नाटका में 360 एकड़ लैंड थी. वह बताते हैं- उस वक्त मेरी एज 10-11 साल की रही होगी. उस वक्त मेरे पिता ने सब कुछ खो दिया था.
इसके बाद राजामौली का पूरा परिवार गरीब हो गया. ऐसे में वे अपना आलीशान घर छोड़ कर चेन्नई में छोटे से घर में शिफ्ट हो गए. उस वक्त उनके परिवार में 13 लोग रहते थे. सभी एक साथ रहते थे.
राजामौली ने बताया- हम सभी की उस वक्त एक ही चिंता रहती थी कि घर का किराया कैसे देंगे? मेरा भाई ही कमाता था इसके बाद उनकी शादी हो गई.
उन्होंने बताया-उस वक्त मेरी एज 22 साल थी और मैं कुछ नहीं करता था. 5 साल तक मेरे पिता मुझे कहते रहे कि कुछ करले-कुछ करले. लेकिन मैं कुछ नहीं करता था. ऐसे में एक आंटी ने मुझे डांट दिया कि राजामौली किसी भी काम का नहीं है. इस पर मेरी भाभी मां ने रिएक्ट किया. उन्होंने कहा- मैं नहीं चाहती कि मेरे किसी भी बच्चे को गलत नाम से या अपशब्द के साथ पुकारा जाए. बस उन्होंने ये कहा और उस दिन से मैंने अपनी जिंदगी को सीरियस लेना शुरू कर दिया.'
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