ना लेंगे सैलरी, ना उठाएंगे विशेष सुविधाओं का फायदा! डिप्टी सीएम पवन कल्याण ने क्यों लिया ऐसा फैसला?
डिप्टी सीएम बनने के बाद पवन कल्याण ने फिल्मों से थोड़ी दूरी बनाकर अपना पूरा फोकस अपने निर्वाचन क्षेत्र पर करने का फैसला किया है. वहीं उन्होंने ये भी कहा है कि वे बतौर डिप्टी सीएम कोई सैलरी नहीं लेंगे.
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View In Appदरअसल पवन से हाल ही में कैंप कार्यालय के अधिकारियों ने उनके दफ्तर के लिए नया फर्नीचर खरीदने के बारे में पूछा था. लेकिन एक्टर ने उन्हें नए फर्नीचर के लिए मना कर दिया था.
कल्याण पेंशन वितरण कार्यक्रम में शामिल होने के बाद एक बैठक में पवन कल्याण ने कहा, 'उन्होंने (अधिकारियों ने) पूछा कि कैंप दफ्तर और मरम्मत के बारे में क्या किया जाए. मैंने उनसे कहा कि कुछ मत करो और इसे छोड़ दो. मैंने उनसे कहा कि कोई नया फर्नीचर मत खरीदो और अगर जरूरत पड़ी तो मैं खुद ही ले आऊंगा.'
पवन कल्याण ने इस दौरान ये भी बताया कि सचिवालय के अधिकारी उनसे कुछ डॉक्यूमेंट साइन करवाने आए थे. ये उनके सदन में तीन दिन मौजूद रहने के लिए 35,000 रुपए की सैलरी को लेकर थे. लेकिन पवन ने उनसे कहा कि वे सैलरी नहीं ले सकते.
दरअसल पवन कल्याण पंचायती राज विभाग के मंत्री हैं. ऐसे में उन्होंने साफ किया कि पंचायत राज विभाग के पास फंड्स की कमी है. इसीलिए उन्होंने सैलरी ना लेने का फैसला किया है.
बता दें कि पवन कल्याण ने हाल ही में डिप्टी सीएम बनने के बाद फिल्मों में काम करने के सवाल का जवाब दिया था. उन्होंने कहा था कि वे फिलहाल अपने निर्वाचन क्षेत्र पर ध्यान देना चाहते हैं.
पीथापुरम में एक सार्वजनिक बैठक के दौरान पवन ने कहा- 'कम से कम गड्ढे न भरने या नई सड़कें न बनाने के लिए किसी को मेरी गलती नहीं माननी चाहिए. अगर कोई मुझसे सवाल करे कि मैं ओजी की शूटिंग में व्यस्त क्यों हूं तो मैं क्या करूंगा? दिल में उस डर के साथ मैंने अपने फिल्म मेकर्स से यहां तक कहा कि आपको मुझे माफ कर देना चाहिए.'
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