Gufi Paintal Death: एक्टर बनने के लिए गूफी पेंटल ने छोड़ दी थी फौज की नौकरी, इस रोल की वजह से मिलती थी नफरत भरी चिट्ठियां
बता दें कि एक्टिंग में करियर बनाने से पहले गूफी पेंटल फौज में नौकरी किया करते थे. वो साल 1962 का समय था जब भारत और चीन के बीच जंग छिड़ी हुई थी. उसी समय कॉलेज के छात्रों को सेना में भर्ती किया जा रहा था तो गूफी भी देश की खातिर फौज में भर्ती हो गए थे.
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View In Appगूफी की जंग के दौरान तैनीती चाइना बॉर्डर पर हुई थी और वे आर्टिलरी में पोस्टेड थे.
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो फौज में भर्ती जवानों के पास उस समय अपने मनोरंजन का कोई साधन नहीं हुआ करता था तब उस समय ये जवान रामलीला करते थे और गूफी पेंटल इसमें माता सीता का रोल निभाते थे.
फौज में रामलीला में सीता का रोल करते-करते गूफी का इंटरेस्ट एक्टिंग में बढ़ गया और फिर 1962 की जंग के खत्म होते ही उन्होंने फौज को छोड़ एक्टिंग में करियर बनाने की ठान ली.
फिर क्या था एक्टर बनने के लिए गूफी मायानगरी मुंबई पहुंच गए और फिर उनका एक्टिंग में करियर शुरू हो गया. पहले उन्होंने सीरियल में काम किया.
इसी बीच गूफी को बीआर चोपड़ा के सीरियल महाभारत से जुडने का मौका मिला. हालांकि पहले वे इसमें बतौर कास्टिंग डायरेक्टर शामिल हुए थे.
इसी दौरान स्क्रिप्ट राइटर राही मासूम रजा महाभारत में शकुनि के रोल के लिए आर्टिस्ट तलाश रहे थे. तभी उनकी नजर गूफी पर पड़ी और वे उन्हें एक ही नजर में शकुनि मामा के किरदार में फिट नजर आए.
फिर क्या था महाभारत के आइकॉनिक किरदार शकुनि मामा का रोल गूफी पेंटल ने निभाया और घर-घर खूब फेमस भी हुए.
शकुनि के किरदार ने गूफी पेंटल को रातों-रात काफी पॉपुलैरिटी तो दिला दी थी लेकिन उन्हें इस निगेटिव रोल की वजह से लोगों की नफरत का भी सामना करना पड़ा था.
शकुनि मामा के किरदार की वजह से गूफी पेंटल को लोग बुरा समझने लगे थे और उन्हें नफरत भरी चिट्ठियां भी खूब मिलती थी. एक ने तो उन्हें टांगे तोड़ने की धमकी भी दे डाली थी.
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