Best Movies of Dilip Kumar: ट्रेजेडी किंग दिलीप कुमार की 10 सुपरहिट फिल्में, जिन्हें अब तक नहीं देखा तो क्या देखा
हिन्दी सिनेमा में दिलीप कुमार सिर्फ एक अभिनेता नहीं थे, वो एक ऐसी संस्था थे जिसको पढ़कर, देखकर और जानकर ही आप हिन्दी सिनेमा को समझ सकते हैं. आज यूं ही नहीं कह जा रहा है कि उनके जाने से सिनेमा का एक युग खत्म हो गया. उनकी फिल्मों को देखकर ही आप समझ पाएंगे कि उन्हें अभिनय की पाठशाला क्यों कहा गया. उनके निधन पर महानायक अमिताभ बच्चन ने तो यहां तक कह दिया कि हिन्दी सिनेमा का इतिहास उनसे पहले और उनके बाद लिखा जाएगा. आईए आपको दिखाते हैं दिलीप कुमार की 10 सुपरहिट फिल्में, जिन्हें देखकर आप भी कह उठेंगे, क्या बात है... 1. आजाद (1955) साल 1955 में आई फिल्म ‘आजाद’ में दिलीप कुमार और मीना कुमारी ने लीड रोल में हैं. फिल्म की कहानी आजाद नाम के डाकू और शोभा की है जिसमें शोभा आजाद से शादी करना चाहती है बाद में पता चलता है कि आजाद डाकू हैं.
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View In Appमधुमती (1958) ‘मधुमती’ फिल्म में दिलीप कुमार के साथ वैजयंती माला लीड रोल में हैं. ये पुर्जन्म पर आधारित है. जिसमें वैजयंती माला की आत्मा भटकती है और वो अपनी मौत की वजह बताने के लिए उन्हें पुकारती हैं.
राम और श्याम (1967) फिल्म ‘राम और श्याम’ में दिलीप कुमार डबल रोल में दिखाई दिए थे. ये फिल्म दो भाईयों की कहानी है जो पैदा होते ही अलग हो जाते हैं. राम एक सीधा-साधा युवक है जिसे प्रोपर्टी के लिए काफी तंग किया जाता है वहीं श्याम की भूमिका में दिलीप कुमार तेज-तर्रार दिखाए हैं. फिल्म में दोनों की अदला-बदली हो जाती है और अंत में सब ठीक हो जाता है.
देवदास (1955) ये फिल्म शरत चन्द्र चट्टोपाध्याय के लोकप्रिय उपन्यास पर आधारित थी. फिल्म में ‘देवदास’ के किरदार में दिलीप कुमार ने अपनी एक्टिंग से जान डाल दी. देवदास एक ऐसा किरदार है जो अपनी प्रेमिका पारो की याद में तड़पते हुए शराबी बन जाता है और फिर चन्द्रमुखी के कोठे तक पहुंच जाता है.
नया दौर (1957) इस फिल्म में उनके साथ वैजयंती माला ने काम किया है. नया दौर में दिलीप कुमार तांगे वाला बने हैं जो बसे आने की वजह से अपनी रोजी-रोटी के लिए संघर्ष करते हैं.
मुगल-ए-आजम (1960) मुगल बादशाह अकबर-सलीम के हिस्टोरिक ड्रामे पर बनी फिल्म ‘मुगल-ए-आजम’ अपने आप में एक माइल स्टोन है. इस फिल्म को के. आसिफ ने डायरेक्ट किया था. जिसे बनाने में ही दस साल लग गए थे. दिलीप कुमार ने फिल्म में सलीम की भूमिका निभाई थी.
अंदाज (1949) ‘अंदाज’ में दिलीप कुमार के साथ नरगिस लीड रोल में थी. ये कहानी नीना नाम की एक ऐसी बिगड़ैल अमीर लड़की कहानी है जिसकी दोस्ती साधारण लड़के दिलीप कुमार यानी कुक्कू से हो जाती है, दिलीप इसे प्यार समझने लगते हैं लेकिन उन्हें उस वक्त धक्का लगता है जब उनकी शादी राजन यानी राजकपूर से हो जाती है.
दाग (1952) इस फिल्म में दिलीप कुमार ने शंकर नाम के युवक का रोल किया है जो विधवा मां क साथ खिलौने बेचकर जीवन यापन करता है. लेकिन बाद में उसे शराब की लत पड़ जाती है. इस फिल्म के लिए उन्होंने सर्वश्रेष्ठ अभिनेता की कैटेगिरी का अवॉर्ड जीता
गंगा जमुना (1961) इस फिल्म में उनके साथ वैजयंती माला ने काम किया है. कहानी में गंगा जमुना विधवा मां के दो बेटे हैं. गंगा मां के साथ जमीदार के यहां काम करता है तो वहीं जमुना शहर जाकर पढ़ाई करता है और बाद में पुलिस अफसर बन जात है.
सौदागर (1991) ये फिल्म दो दोस्त राजू और वीरू यानी दिलीप कुमार और राजकुमार की दोस्ती और दुश्मनी की कहानी है
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