परिवार के बीच आज भी जिंदा हैं Vikram Batra, संजोई है हर एक याद, घर में संभालकर रखी है पीक 5140 की मिट्टी
लक्ष्य को हर हाल में पाना है... कुछ ऐसा ही इरादा लेकर पीक 5140 को जीतने निकले थे विक्रम बत्रा, अपनी पूरी टीम के साथ और जो वादा वो अपने अफसरों से करके गए थे उसे निभाया भी. शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा (Captain Vikram Batra) ने न केवल इस पीक को फतह किया बल्कि इसे जीतने के बाद उन्होंने कहा था ये दिल मांगे मोर. (फोटो – सोशल मीडिया)
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View In Appकहते हैं जवान शहीद होते हैं मरते नहीं... बल्कि मरकर भी वो तो अमर हो जाते हैं और जब बात विक्रम बत्रा जैसे सपूत की हो तो फिर देशवासियों का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है. (फोटो – सोशल मीडिया)
पालमपुर के रहने वाले थे विक्रम बत्रा और आज भी यहां के लोगों के लिए वो जिंदा ही हैं. उनकी यादों को उनके परिवार ने जिस तरह संजोकर रखा है, लगता ही नहीं कि विक्रम उनके बीच आज नहीं हैं. (फोटो – सोशल मीडिया)
स्कूली दिनों में मिले ईनाम, ट्रॉफी, उनका कैमरा, उनकी कैप, कपड़े जैकेट. जिस तिरंगे में लिपटकर विक्रम बत्रा का पार्थिव शरीर पालमपुर पहुंचा था उस तिरंगे को भी बड़ी शान ने परिवार ने सहेज कर रखा है. (फोटो – सोशल मीडिया)
पीक 5140 ही वो चोटी थी जहां विक्रम बत्रा और उनकी टीम की बहादुरी ने जीत दिलाई. जीतने के बाद विक्रम बत्रा ने कहा था कि ये दिल मांगे मोर. (फोटो – सोशल मीडिया)
जब इस चोटी पर जीत की तस्वीर सामने आई थी तो सेना ही नहीं देशवासी भी खुशी से झूम उठे. आज भी विक्रम बत्रा के घर में इस चोटी की मिट्टी मौजूद है. (फोटो – सोशल मीडिया)
इस पीक को जीतने के बाद ही विक्रम बत्रा अपने अगले मिशन पर निकल गए थे. जहां भी उन्होंने तिरंगा लहराकर ही दम लिया. (फोटो – सोशल मीडिया)
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