कहीं फूल बरसे, तो कहीं डंडे और कहीं भांजी गई तलवार, देखें गणतंत्र दिवस पर निकली किसान ट्रैक्टर परेड की 26 तस्वीरें
26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस के मौके पर कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों ने राजधानी दिल्ली में ट्रैक्टर परेड निकालने का फैसला किया. लेकिन किसानों का ये ट्रैक्टर परेड उस वक्त रास्ते से बहक गया, जब पुलिस और किसान नेताओं द्वारा तय किए गए रूट से हटकर भी कुछ प्रदर्शनकारियों ने ट्रैक्टर बढ़ा दिए. रास्ते में प्रदर्शनकारियों की भिड़ंत पुलिस से हुई. कई इलाकों में बवाल हुआ. तोड़फोड़ हुई. डंडे और तलवार भी चले और आंसू गैस के गोले भी दागे गए. यही नहीं लाल किला पर कुछ प्रदर्शनकारियों ने अपना झंडा भी फहरा दिया.
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View In Appदिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि दिन में हिंसा के दौरान उसके 86 कर्मी घायल हो गए. वहीं, ट्रैक्टर पलटने से आईटीओ के पास एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई.
पुलिस ने कुछ जगहों पर अशांत भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े. वहीं आईटीओ पर सैकड़ों किसान द्वारा पुलिसकर्मियों को लाठियां लेकर दौड़ाते और खड़ी बसों को अपने ट्रैक्टरों से टक्कर मारते दिखे.
संयुक्त किसान मोर्चा ने एक प्रेस स्टेटमेंट जारी कर किसान गणतंत्र दिवस परेड में किसानों के भाग लेने के लिए शुक्रिया अदा किया है. इसके अलावा किसान मोर्चा ने दिल्ली में हुई हिंसा की निंदा की. स्टेटमेंट में कहा गया है, आज के किसान गणतंत्र दिवस परेड में अभूतपूर्व भागीदारी के लिए हम किसानों का शुक्रिया अदा करते हैं. हम उन अवांछनीय और अस्वीकार्य घटनाओं की निंदा करते हैं और खेद प्रकट करते हैं जो आज घटित हुई. इन घटनाओं में शामिल लोगों से हमारा कोई लेना देना नहीं.
तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने और अपनी फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर किसान गत 28 नवम्बर से दिल्ली के सीमा बिंदुओं टीकरी, सिंघू और गाजीपुर पर डेरा डाले हुए हैं. इनमें अधिकतर किसान पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हैं.
ऑल इंडिया किसान सभा के महासचिव हन्नान मौला ने कहा, आज दिल्ली में जिन्होंने तोड़फोड़ की, वे किसान नहीं किसान के दुश्मन हैं, ये साजिश का अंग है. आज की गुंडागर्दी से, साजिश से हमने सबक लिया है. भविष्य में आंदोलन में ऐसे लोगों को घुसने का मौका न मिले, हम शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन चलाएंगे.
केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री प्रह्लाद पटेल ने किसानों के उस वर्ग के कृत्यों की निंदा की, जिसने अपनी ट्रैक्टर रैली के तौर पर लालकिले में प्रवेश किया. उन्होंने कहा कि इसने भारत के लोकतंत्र की गरिमा के प्रतीक का उल्लंघन किया है.
पटेल ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘लालकिला हमारे लोकतंत्र की गरिमा का प्रतीक है. किसानों को इससे दूर रहना चाहिए था. मैं इस गरिमा के उल्लंघन की निंदा करता हूं. यह दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है.’’
New माकपा ने किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान प्रदर्शनकारी किसानों के साथ किये गए व्यवहार के लिए केंद्र पर निशाना साधा और कहा कि उन पर आंसू गैस के गोले छोड़ना और लाठीचार्ज करना ‘अस्वीकार्य’ है.: Police and protesting farmers clash during the latter's 'tractor march' on Republic Day, in New Delhi, Tuesday, Jan. 26, 2021. (PTI Photo/Ravi Choudhary)(PTI01_26_2021_000464B)
राजपथ से लालकिला तक हजारों प्रदर्शनकारी कई स्थानों पर पुलिस से भिड़े जिससे दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में अराजकता की स्थिति उत्पन्न हुई. किसानों का दो महीने से जारी प्रदर्शन अब तक शांतिपूर्ण रहा था.
दिल्ली पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी ईश सिंघल ने कहा, ‘‘प्रदर्शनकारियों ने रैली के लिए निर्धारित शर्तों का उल्लंघन किया. किसानों ने निर्धारित समय से काफी पहले ही ट्रैक्टर रैली शुरू कर दी. उन्होंने हिंसा और तोड़फोड़ की.’’
हरियाणा के सोनीपत में प्रशासन ने इनटरनेट सेवाए बंद कर दी हैं. सोनीपत ज़िला सिंघु बॉर्डर से सटा हुआ है. दिल्ली में हुए बवाल के बाद प्रशासन ने एहतियातन ये फैसला लिया है. दिल्ली में भी कई इलाकों में इनटरनेट पर रोक लगा दी गई है.
द्वारका ज़िले में ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा में मोहन गार्डन पुलिस स्टेशन के एसएचओ समेत 30 पुलिसवाले गंभीर रूप से घायल हुए है. इसको लेकर तीन एफआईआर दर्ज की गई है.
सिंघल ने कहा, ‘‘हमने वायदे के अनुरूप सभी शर्तों का पालन किया और अपने सभी प्रयास किए, लेकिन प्रदर्शन में सार्वजनिक संपत्ति को भारी नुकसान हुआ है. प्रदर्शन के दौरान अनेक पुलिसकर्मी घायल भी हुए हैं.’’
शिरोमणि अकाली दल ने किसान आंदोलन के दौरान दिल्ली में हुई हिंसा और हंगामे को लेकर पार्टी की कोर कमेटी की बैठक बुलाई है. बुधवार को चंडीगढ़ में बैठक होगी. पार्टी की ओर से आंदोलन में शामिल पंजाब के लोगों से शांति और भाईचारा बनाए रखने की अपील की गई.
संयुक्त किसान मोर्चा ने किसान गणतंत्र दिवस परेड को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया है और सभी प्रतिभागियों से तुरंत अपने धरना स्थलों पर वापस लौटने की अपील की है. संयुक्त किसान मोर्चा ने घोषणा की है कि आंदोलन शांतिपूर्वक जारी रहेगा और आगे के कदमों पर चर्चा के बाद जल्द ही निर्णय लिया जाएगा.
क्त मोर्चा ने एक बयान में कहा, ‘‘हमने हमेशा कहा है कि शांति हमारी सबसे बड़ी ताकत है और किसी भी उल्लंघन से आंदोलन को नुकसान होगा ...’’ स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने कहा कि किसानों की ट्रैक्टर परेड में जो कुछ हुआ, उससे वह ‘शर्मिंदा’ महसूस कर रहे हैं और इसकी जिम्मेदारी लेते हैं.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि हिंसा किसी समस्या का समाधान नहीं है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘हिंसा किसी समस्या का हल नहीं है. चोट किसी को भी लगे, नुक़सान हमारे देश का ही होगा. देशहित के लिए कृषि-विरोधी क़ानून वापस लो!’’
पुलिस ने शाहदरा के चिंतामणि चौक पर किसानों पर तब लाठीचार्ज किया जब उन्होंने बैरिकेड तोड़ने के साथ ही कारों की खिड़की के शीशे तोड़ दिए. ‘निहंगों’ का एक समूह अक्षरधाम मंदिर के पास सुरक्षाकर्मियों से भिड़ गया. पश्चिमी दिल्ली के नांगलोई चौक और मुकरबा चौक पर किसानों ने सीमेंट के बेरीकेड तोड़ दिये और पुलिस ने उन्हें खदेड़ने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया.
मंत्रालय ने हालात के मद्देनजर आज दिन में दिल्ली के कुछ इलाकों जैसे सिंघू, गाजीपुर, टीकरी, मुकरबा चौक और नांगलोई आसपास के क्षेत्रों में मंलवार दोपहर से 12 घंटे के लिए इंटरनेट सेवा बंद कर दी.
दिल्ली में हुए बवाल को लेकर ईस्ट दिल्ली इलाके में पुलिस ने अब तक 4 एफआईआर दर्ज की है. ये गाजीपुर वाले रूट यानी एनएच 24, अक्षरधाम वाले रूट पर हुई हिंसा को लेकर है. इसमें शाहदरा ज़िले में भी एक एफआईआर दर्ज हुई है.
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली में संवेदनशील जगहों पर अतिरिक्त संख्या में अर्द्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है. कितनी संख्या में अर्द्धसैनिक बलों को तैनात किया जा रहा है, इसकी पुख्ता जानकारी नहीं है, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि 15-20 कंपनियां (1,500 से 2,000 कर्मी) तैनात की जाएंगी.
सूर्यास्त तक हिंसा की कुछ घटनाएं जारी रहीं और उग्र भीड़ कई स्थानों पर सड़कों पर घूम रही थी. किसानों के कुछ समूह टीकरी, सिंघू और गाजीपुर में अपने धरना स्थल की ओर रवाना हुए लेकिन हजारों प्रदर्शनकारी देर तक जमे रहे. लालकिले पर हजारों किसान जमा हो गए, लेकिन वे शाम में वापस लौट गए.
शहर में कई स्थानों पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई जिस दौरान लोहे और कंक्रीट के बैरियर तोड़ दिये गए और ट्रेलर ट्रकों को पलट दिया गया.
आंदोलनरत 41 किसान यूनियनों के संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने आरोप लगाया कि कुछ असामाजिक तत्व उसके प्रदर्शन में घुस गए. मोर्चा ने अवांछित और अस्वीकार्य घटनाओं की निंदा की और खेद जताया क्योंकि कुछ किसान समूहों द्वारा मार्च के लिए पहले से तय रास्ता बदलने के बाद परेड हिंसक हो गई.
इस दौरान सड़कों पर अप्रत्याशित दृश्य देखने को मिले. इनमें से सबसे अभूतपूर्व दृश्य लालकिले पर दिखा जहां प्रदर्शनकारी एक ध्वज-स्तंभ पर चढ़ गए और वहां सिख धर्म का झंडा ‘निशान साहिब’ फहरा दिया जहां पर भारत के स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान तिरंगा फहराया जाता है.
गणतंत्र दिवस के दिन राजपथ पर देश की सैन्य क्षमता का प्रदर्शन किया जाता है. हालांकि, इस बार ट्रैक्टरों, मोटरसाइकिलों और कुछ घोड़ों पर सवार किसान तय समय से दो घंटे पहले बेरिकेड तोड़ते हुए दिल्ली में प्रवेश कर गए.
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