नम आंखों से कुछ ऐसे प्रधानमंत्री मोदी ने याद किया पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी को
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहार वाजपेयी सबको नम आंखों से अलविदा कह गए हैं. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर सभी लोग उनके जाने से दुखी हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद इस बात को कहा है कि वे अटल जी को पिता समान मानते थे. पीएम मोदी ने अटल जी को अपने ब्लॉग के जरिए नम आंखों से याद किया है. इस मौके पर मोदी जी ने अटल बिहारी वाजपेयी जी के साथ अपनी मुलाकात की कुछ तस्वीरें भी ट्विटर पर शेयर की हैं. फोटोः ट्विटर
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View In Appअंतिम बात लिखते हुए मोदी जी कहते हैं कि अपने पुरुषार्थ को, अपनी कर्तव्यनिष्ठा को राष्ट्र के लिए समर्पित करना अटल जी के व्यक्तित्व की महानता को प्रतिबिंबित करता है. यही सवा सौ करोड़ देशवासियों के लिए उनका सबसे बड़ा और प्रखर संदेश है. देश के साधनों, संसाधनों पर पूरा भरोसा करते हुए, हमें अब अटल जी के सपनों को पूरा करना है, उनके सपनों का भारत बनाना है. नए भारत का यही संकल्प, यही भाव लिए मैं अपनी तरफ से और सवा सौ करोड़ देशवासियों की तरफ से अटल जी को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं, उन्हें नमन करता हूं. फोटोः ट्विटर
मोदी आगे अटल जी के बारे में लिखते हैं कि स्वतंत्रता के बाद लोकतंत्र की रक्षा और 21वीं सदी के सशक्त, सुरक्षित भारत के लिए अटल जी ने जो किया, वह अभूतपूर्व है. फोटोः ट्विटर
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अटल जी से पहली मुलाकात का संस्मरण लिखते हुए कहा कि जब उनसे पहली बार मिला था, उसकी स्मृति ऐसी है जैसे कल की ही बात हो. इतने बड़े नेता, इतने बड़े विद्वान. लगता था जैसे शीशे के उस पार की दुनिया से निकलकर कोई सामने आ गया है. जिसका इतना नाम सुना था, जिसको इतना पढ़ा था, जिससे बिना मिले, इतना कुछ सीखा था, वो मेरे सामने था. जब पहली बार उनके मुंह से मेरा नाम निकला तो लगा, पाने के लिए बस इतना ही बहुत है. बहुत दिनों तक मेरा नाम लेती हुई उनकी वह आवाज मेरे कानों से टकराती रही. मैं कैसे मान लूं कि वह आवाज अब चली गई है. फोटोः ट्विटर
अटल जी की अपने जीवन में महत्ता बताते हुए मोदी जी लिखते हैं कि मेरे जीवन, मेरी सोच, मेरे आदर्शों-मूल्यों पर जो छाप उन्होंने छोड़ी, जो विश्वास उन्होंने मुझ पर किया, उसने मुझे गढ़ा है, हर स्थिति में अटल रहना सिखाया है. फोटोः ट्विटर
मोदी जी अपने ब्लॉग में वाजपेयी जी को याद करते हुए लिखते हैं कि अटल जी अब नहीं रहे. मन नहीं मानता. अटल जी, मेरी आंखों के सामने हैं, स्थिर हैं. जो हाथ मेरी पीठ पर धौल जमाते थे, जो स्नेह से, मुस्कराते हुए मुझे अंकवार में भर लेते थे, वे स्थिर हैं. अटल जी की ये स्थिरता मुझे झकझोर रही है, अस्थिर कर रही है. एक जलन सी है आंखों में, कुछ कहना है, बहुत कुछ कहना है लेकिन कह नहीं पा रहा. मैं खुद को बार-बार यकीन दिला रहा हूं कि अटल जी अब नहीं हैं, लेकिन ये विचार आते ही खुद को इस विचार से दूर कर रहा हूं. क्या अटल जी वाकई नहीं हैं? नहीं. मैं उनकी आवाज अपने भीतर गूंजते हुए महसूस कर रहा हूं, कैसे कह दूं, कैसे मान लूं, वे अब नहीं हैं. फोटोः ट्विटर
पीएम मोदी लिखते हैं कि कभी सोचा नहीं था, कि अटल जी के बारे में ऐसा लिखने के लिए कलम उठानी पड़ेगी. देश और दुनिया अटल जी को एक स्टेट्समैन, धारा प्रवाह वक्ता, संवेदनशील कवि, विचारवान लेखक, धारदार पत्रकार और विजनरी जननेता के तौर पर जानती है. लेकिन मेरे लिए उनका स्थान इससे भी ऊपर का था. फोटोः ट्विटर
पीएम मोदी ने अटल बिहारी वाजपेयी के बारे में आगे लिखा है कि आज भारत जिस टेक्नोलॉजी के शिखर पर खड़ा है उसकी आधारशिला अटल जी ने ही रखी थी. वे अपने समय से बहुत दूर तक देख सकते थे - स्वप्न दृष्टा थे लेकिन कर्म वीर भी थे.कवि हृदय, भावुक मन के थे तो पराक्रमी सैनिक मन वाले भी थे. उन्होंने विदेश की यात्राएं कीं. जहाँ-जहाँ भी गए, स्थाई मित्र बनाये और भारत के हितों की स्थाई आधारशिला रखते गए. वे भारत की विजय और विकास के स्वर थे. फोटोः ट्विटर
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