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क्या भारत के आदित्य L-1 को भी है उन विस्फोट से खतरा, जिनसे खत्म होने से बचा नासा का पारकर?
Aditya l-1 Sun Mission:आदित्य L-1 मिशन लगातार सूरज की ओर बढ़ रहा है, लेकिन नासा के पारकर की वजह से आदित्य फिर से चर्चा में आ गया है.

आदित्य L-1 मिशन लगातार सूरज की ओर बढ़ रहा है.
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ये टेंशन इसलिए भी ज्यादा है कि क्योंकि जिन मुश्किलों का सामना आदित्य से हो सकता है, उन मुश्किलों का सामना नासा का पारकर भी कर चुका है.
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नासा ने बताया था कि उनके सौलर मिशन पारकर को कोरोनल मास इजेक्शन्स का सामना करना पड़ा था, लेकिन कई मुश्किलों का सामना करते हुए पारकर बच गया था.
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क्या होते हैं कोरोनल मास इकेक्शन्स? नासा ने अपने ब्लॉगपोस्ट में बताया था कि सीएमई सूर्य के बाहरी वायुमंडल या कोरोना में होने वाले काफी बड़े विस्फोट होते हैं.
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कहा जाता है कि ये अंतरिक्ष के मौसम को चलाने में मदद करते हैं और उपग्रहों को खतरे में डाल सकते हैं. इसके साथ ही उनकी वजह से नेविगेशन और टेलीकॉम जैसी सर्विस पर काफी असर पड़ सकता है.
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आदित्य एल-1 को हो सकती है मुश्किल?- ये स्पेसक्राफ्ट चार महीने में दूरी तय करेगा और सूरज-पृथ्वी के बीच एल पॉइंट पर ही रहेगा. ये सूर्य करीब 1.5 मिलियन किलोमीटर दूर रहेगा, ऐसे में सीएमए का खतरा काफी कम है.
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हालांकि, कई रिपोर्ट्स में ये कहा गया है कि आदित्य को कुछ सौर तूफानों का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि उसके पहुंचने के समय के दौरान सौर गतिविधियों के अपने उच्चतम स्तर पर होने का अनुमान है.
Published at : 23 Sep 2023 11:34 AM (IST)
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