जानिए किसके नाम पर पड़ा AK 47 का नाम
दुनिया में एक से एक ख़तरनाक बंदूक़ मौजूद है. लेकिन जिस बंदूक़ का नाम सबसे ज़्यादा सुनाई देता है. वह है ऐके-47 (AK-47). ऐके-47 दुनिया की ख़तरनाक ऑटोमैटिक और सेमी ऑटोमैटिक मशीन गन है. जिसे दुनिया की कई सेनायें इस्तेमाल करती है.
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View In Appभारतीय सेना भी इस ख़तरनाक मशीन गन का इस्तेमाल करती है. भारतीय सेना के अलावा स्पेशल फ़ोर्सेज़ भी इसका इस्तेमाल करती हैं. इसके अलावा नागरिकों के लिए इसका इस्तेमाल अवैध है.
लेकिन इसके नाम में AK और 47 जुड़ने के पीछे एक कहानी है. इसका पूरा नाम है Automatic Kalashnikov-47. जिसमें Kalashnikov नाम इसके आविष्कारक मिखाइल कलाश्निकोव (Mikhail Kalashnikov) के नाम से लिया गया है. क्योंकि ये राफइल साल 1947 में बनी थी. इसलिए AK के बाद इसमें 47 लगाया गया है.
मिखाइल कलाश्निकोव (Mikhail Kalashnikov) रुस के थे साल 2013 में 94 की उम्र में इनका निधन हो गया था. जानकारी के लिए बता दें कि मिखाइल कलाश्निकोव बतौर टैंक मैकेनिक रूसी सेना से जुड़े थे.
AK-47 दुनिया की सबसे ज्यादा ग़ैरक़ानूनी तौर पर बिकने वाली राइफल है. इसके साथ ही ये दुनिया में सबसे ज़्यादा इस्तेमाल होने वाली राइफल है. इसके लिए इसका नाम गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज है.
AK-47 का आविष्कार भले ही रुस में हुआ हो लेकिन अब रुस के अलावा और देशों में भी ये बनाई जाती है. रुस के अलावा दुनिया के 30 देशों के पास भी इसे बनाने का लाइसेंस प्राप्त है।जिनमें भारत, चीन, इजराइल और फ्रांस जैसे देश शामिल है.
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