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अमेरिकी वैज्ञानिकों ने 140 साल बाद खोजा दुर्लभ तीतर- जानिए उन पशु-पक्षियों और जानवारों के बारे में जो दुर्लभ हैं.
Rare Animals and Birds: अमेरिका के वैज्ञानिकों ने 140 साल बाद एक दुर्लभ पक्षी ब्लैक नेप्ड तीतर कबूतर को फिर से खोज निकाला है. आइए जानते हैं इक्वाडोर के ऐसे ही कुछ दुर्लभ पक्षी और जानवरों के बारे में.
![Rare Animals and Birds: अमेरिका के वैज्ञानिकों ने 140 साल बाद एक दुर्लभ पक्षी ब्लैक नेप्ड तीतर कबूतर को फिर से खोज निकाला है. आइए जानते हैं इक्वाडोर के ऐसे ही कुछ दुर्लभ पक्षी और जानवरों के बारे में.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/11/21/0c768a047d12e59a99b85a90ddcedc361669048998090580_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
दुर्लभ कबूतर, दुर्लभ जानवर
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![वैज्ञानिकों ने एक दुर्लभ पक्षी ब्लैक नेप्ड तीतर कबूतर को फिर से खोज निकाला है. इससे पहले इस पक्षी को 140 साल पहले देखा गया था. बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, वैज्ञानिकों की सूची में ऐसी 150 प्रजातियां है जिन्हे विलुप्त घोषित नही किया गया है, लेकिन उन्हें 10 सालों के भीतर कहीं देखा भी नहीं गया है. शोधकर्ताओं ने 2019 में भी इन कबूतरों का पता लगाने की कोशिश की थी, लेकिन तब सफलता नहीं मिल पाई. इस बार, उन्हें यह सफलता माउंट किलकिरन के पश्चिमी ढलान की सबसे ऊंची चोटी पर मिली. स्थानीय लोगों ने खोजी दल को खबर दी थी कि इस पक्षी को खड़ी पहाड़ियों और घाटियों वाले इलाके में देखा गया है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/11/21/944f1fe928b4dcf48a10f8956f47bdd051178.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
वैज्ञानिकों ने एक दुर्लभ पक्षी ब्लैक नेप्ड तीतर कबूतर को फिर से खोज निकाला है. इससे पहले इस पक्षी को 140 साल पहले देखा गया था. बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, वैज्ञानिकों की सूची में ऐसी 150 प्रजातियां है जिन्हे विलुप्त घोषित नही किया गया है, लेकिन उन्हें 10 सालों के भीतर कहीं देखा भी नहीं गया है. शोधकर्ताओं ने 2019 में भी इन कबूतरों का पता लगाने की कोशिश की थी, लेकिन तब सफलता नहीं मिल पाई. इस बार, उन्हें यह सफलता माउंट किलकिरन के पश्चिमी ढलान की सबसे ऊंची चोटी पर मिली. स्थानीय लोगों ने खोजी दल को खबर दी थी कि इस पक्षी को खड़ी पहाड़ियों और घाटियों वाले इलाके में देखा गया है.
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![ब्रिटेन के चेस्टर चिड़ियाघर से एक रिसर्च टीम इक्वाडोर के दक्षिण-पश्चिम में स्थित केरो ब्लांको जंगल में वहां की जैव विविधता का सर्वेक्षण करने के लिए गई. उन्होंने रिमोट से चलने वाले कैमरों की मदद से तीस किलोमीटर के दायरे में फैले जंगल का जायज़ा लिया. वहीं उनको इस तेज़ नज़रों वाले बाज़ पक्षी की भी झलक मिली.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/11/21/eb03455bd82e52206f368d274cdc0515f244f.jpeg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
ब्रिटेन के चेस्टर चिड़ियाघर से एक रिसर्च टीम इक्वाडोर के दक्षिण-पश्चिम में स्थित केरो ब्लांको जंगल में वहां की जैव विविधता का सर्वेक्षण करने के लिए गई. उन्होंने रिमोट से चलने वाले कैमरों की मदद से तीस किलोमीटर के दायरे में फैले जंगल का जायज़ा लिया. वहीं उनको इस तेज़ नज़रों वाले बाज़ पक्षी की भी झलक मिली.
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![चिड़ियाघर के सदस्यों ने अपना यह सर्वेक्षण प्रो-बॉसक्यु फ़ाउंडेशन के साथ मिलकर किया. इस क्षेत्र में सरीसृप (रेंगने वाले जानवर) की 12 प्रजातियां पाई जाती हैं. हरे रंग का यह दुर्लभ गोह भी इन्ही में से एक है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/11/21/55c5b95b685f115d869f09b6f005a4a942c7d.jpeg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
चिड़ियाघर के सदस्यों ने अपना यह सर्वेक्षण प्रो-बॉसक्यु फ़ाउंडेशन के साथ मिलकर किया. इस क्षेत्र में सरीसृप (रेंगने वाले जानवर) की 12 प्रजातियां पाई जाती हैं. हरे रंग का यह दुर्लभ गोह भी इन्ही में से एक है.
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![जंगल में सर्वेक्षण के लिए गई टीम को गुलाबी रंग की यह दुर्लभ विषैली मकड़ी भी मिली. शुरूआत में यह मकड़ियां भूरे रंग की होती हैं. बड़े होने पर मादा मकड़ियां तो भूरे रंग की ही रहती हैं, लेकिन नर मकड़ी का रंग गुलाबी हो जाता है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/11/21/b6ccb565f22414585e12121705444e955ea76.jpeg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
जंगल में सर्वेक्षण के लिए गई टीम को गुलाबी रंग की यह दुर्लभ विषैली मकड़ी भी मिली. शुरूआत में यह मकड़ियां भूरे रंग की होती हैं. बड़े होने पर मादा मकड़ियां तो भूरे रंग की ही रहती हैं, लेकिन नर मकड़ी का रंग गुलाबी हो जाता है.
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![केरो ब्लांको के आसपास में स्थित इक्वाडोर के सबसे बड़े शहर गुआयक़िल पर मानवीय विकास के कारण दबाव की स्थिति बन रही है. यह जगह अभी भी तेंदुआ और हाउलर बंदरों जैसी स्तनपायी जानवरों की लगभग 54 प्रजातियों का घर है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/11/21/af33c9101a285ffc196117eb6fafb07de7717.jpeg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
केरो ब्लांको के आसपास में स्थित इक्वाडोर के सबसे बड़े शहर गुआयक़िल पर मानवीय विकास के कारण दबाव की स्थिति बन रही है. यह जगह अभी भी तेंदुआ और हाउलर बंदरों जैसी स्तनपायी जानवरों की लगभग 54 प्रजातियों का घर है.
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![इक्वाडोर में वैश्विक रूप से विलुप्तप्राय पक्षियों की नौ प्रजातियां पाई जाती हैं. इस जगह कुल 221 प्रकार के पक्षी रहते हैं, जिसमें इक्वाडोर का यह दुर्लभ ट्रोजोन भी शामिल है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/11/21/405009277f8bc8b1faed75ea5ec40e91bcd5a.jpeg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
इक्वाडोर में वैश्विक रूप से विलुप्तप्राय पक्षियों की नौ प्रजातियां पाई जाती हैं. इस जगह कुल 221 प्रकार के पक्षी रहते हैं, जिसमें इक्वाडोर का यह दुर्लभ ट्रोजोन भी शामिल है.
Published at : 21 Nov 2022 10:14 PM (IST)
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डॉ. अमित सिंह, एसोसिएट प्रोफेसर
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