Endangered Animals: दुनिया में ये जीव हैं विलुप्त होने की कगार पर, इनकी संख्या में है भारी गिरावट! यहां देखें
अमूर तेंदुए अमूर हेइलोंग लैंडस्केप में पाए जाते हैं, जो रूस के सुदूर पूर्व और चीन के आस-पास के क्षेत्रों में फैला है. अमूर तेंदुआ 37 मील प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकता है. यह 19 फीट लंबी और 10 फीट ऊंची छलांग लगा सकता है. इसे मंचूरियन तेंदुए या कोरियाई तेंदुए के रूप में भी जाना जाता है.
Download ABP Live App and Watch All Latest Videos
View In Appजावन गैंडे की प्रजाति पर भी विलुप्त होने का खतरा मंडरा रहा है. ये जावा, इंडोनेशिया में उजंग कुलोन नेशनल पार्क में रहते हैं. जावन गैंडे कभी पूरे पूर्वोत्तर भारत और दक्षिण पूर्व एशिया में भी रहते थे. जावन गैंडे के विलुप्त होने का बड़ा कारण शिकार है. इसके सींग की कीमत काला बाजार में लगभग 30,000 डॉलर प्रति किलोग्राम होती है.
पर्वतीय गोरिल्ला 8,000 से 13,000 फीट की ऊंचाई पर, पहाड़ों में ऊंचे जंगलों में पाए जाते हैं. 50% से अधिक विरुंगा पर्वत में रहते हैं, जो कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, रवांडा और युगांडा की सीमा से लगे विलुप्त ज्वालामुखियों की एक श्रृंखला है, और बाकी युगांडा में बीविंडी इंपेनेट्रेबल नेशनल पार्क में पाए जा सकते हैं.
लेदर बैक समुद्री कछुए को ल्यूट कछुआ या चमड़े का कछुआ या लूथ भी कहते हैं. यह मगरमच्छ के बाद सबसे बड़ा सरीसृप है. जो लगभग 1.8 मीटर तक लंबा होता है. यह भी विलुप्त होने की कगार पर है. इनकी यह संख्या लगातार घट रही है. दक्षिण-पूर्व एशिया में इसका लगभग पूर्ण पतन हो चुका है इसका मुख्य कारण यह है कि इस क्षेत्र में कछुए के अंडे को एक स्वादिष्ट व्यंजन माना जाता है.
हिम तेंदुआ मध्य एशिया के बर्फीले इलाकों में समुद्र तल से 3,350 से 6,700 मीटर की ऊंचाई पर पाया जाता है. पहली बार हिम तेंदुए के बारे में 1750 में स्क्रैबर ने बताया था. गर्मियों में यह आम तौर पर पर्वतों के वन क्षेत्र एवं चट्टानी इलाकों में 2,700 से 6,000 मीटर की ऊंचाई पर रहते हैं, लेकिन सर्दियों में भोजन की तलाश में ये 1,200 से 2,000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित जंगलों में उतर आते हैं. हिम तेंदुए को भी विलुप्त होने की कगार वाले जंतुओं में शामिल किया गया है.
- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -