जंगल में रहने वाले इस जानवर की होती है सबसे ज्यादा तस्करी, लाखों में कीमत
इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर के मुताबिक दुनियाभर में वन्य जीवों की अवैध तस्करी के मामले में अकेले 20 फीसदी तस्करी पैंगोलिन की होती है. क्योंकि इसके खाल और मांस से पारंपरिक दवाईयां बनाई जा रही हैं.
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View In Appनेवलों की तरह दिखने वाला पैंगोलिन स्तनधारी जीवों की श्रेणी में आता है. बता दें कि दशकों से इस जीव की दुनियाभर में तस्करी हो रही है. आज स्थिति ऐसी है कि अब पैंगोलिन विलुप्त होने वाले जीवों की श्रेणी में पहुंच चुके हैं.
बता दें कि पैंगोलिन शर्मीले प्रवृति का जीव है, जो धरती पर लगभग 60 मिलियन सालों से पाए जाते हैं. ये जीव चींटियां खाकर अपना पेट भरते हैं. इतना ही नहीं एक किलो पैंगोलिन के मांस की कीमत करीब 27,000 रुपये तक होती है. कई बड़े और महंगे रेस्त्रां ही इसे बेचा जाता है, इसका मांस मुलायम होता है.
वहीं इस जीव का दूसरा सबसे बड़ा इस्तेमाल दवाईयां बनाने में होता है. पैंगोलिन के मांस से अलग दवाएं बनती हैं, तो इसके स्केल्स से अलग किस्म की दवा बनती हैं. हर दवा का उपयोग अलग बीमारी के लिए होता है.
बता दें कि पैंगोलिन के स्केल्स यानी शरीर की ऊपरी कड़ी परत से बनने वाली दवाएं चॉकलेट के बार की तरह दिखती हैं, लेकिन काफी कठोर होती हैं. इसे गर्म पानी या अल्कोहल में घोलकर पिया जाता है. आज के समय चीन समेत कई देशों में पैंगोलिन की अवैध तस्करी होती है.
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