गर्मी के कारण गाड़ी के टायरों में लग रही है आग, जानिए कौन सी गैस भरना सही
देशभर में भीषण गर्मी पड़ रही है. गर्मी के कारण सड़क की सतह भी गर्म हो जा रही है, जिससे इस पर चलने वाली गाड़ियों के टायरों में कई बार ब्लास्ट होने की घटनाएं हो रही हैं. इसमें दो पहिया और चार पहिया दोनों तरह की गाड़ियां शामिल हैं.
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View In Appजानकारी के मुताबिक अगर गर्मी ज्यादा पड़ती है, तो तापमान भी बढ़ता है. इससे टायरों के अंदर अधिक दबाव पड़ता है. वहीं सड़क का डामर जब गर्म होता है, तो गर्म सड़क की सतह से लगातार बढ़ती गर्मी टायरों के अंदर की हवा को भी गर्म करता है. इससे टायरों के अंदर हवा का दबाव बढ़ने लगता है. वहीं टायर की संरचना गर्म होने से कमजोर हो जाती है और इसके फटने का खतरा बढ़ जाता है.
बता दें कि गर्म सड़क की सतहों पर लंबे समय तक तेज़ गति से गाड़ी चलाने से टायर ज़्यादा गरम हो सकते हैं. सड़क की सतह से निकलने वाली अत्यधिक गर्मी और वाहन का वजन मिलकर टायरों के अंदर अत्यधिक दबाव पैदा करते हैं, जिससे टायर फट जाता है.
वहीं गर्म मौसम में टायरों के अंदर की हवा जब गर्म हो जाती है, तो ये टायरों को फुलाने लगती है. ये भी टायर फटने का कारण बन सकता है. कई बार खुले में वाहन अगर धूप में देर तक खड़े रहता है, तो उससे भी टायर फटने का खतरा बढ़ जाता है.
बता दें कि गर्म सड़कों पर गाड़ी चलाने के लिए खास टायर डिज़ाइन किये गये हैं. ये आमतौर पर उन सड़कों पर काम आते हैं, जो हमेशा 07 डिग्री ऊपर के तापमान पर गर्म रहता है. ग्रीष्मकालीन टायरों को गर्म सड़कों पर तेज़ गति से ड्राइविंग के दौरान भी स्थिर बनाए रखने के लिए डिजाइन किया गया है. भारत में आमतौर पर ऐसे ही टायरों का इस्तेमाल होता है. हालांकि सड़क 40 डिग्री से ऊपर के तापमान पर तपता है, तो हर तरह के टायर फट सकते हैं.
आपने देखा होगा कि कई बार लोग टायरों में नाइट्रोजन गैस भरवाते हैं. दरअसल नाइट्रोजन गैस टायरों में तापमान को कम करने में मदद करता है, जिससे टायर का जीवन बढ़ता है. टायरों में स्थिर दबाव सीमा बनाए रखने के कारण नाइट्रोजन से भरे टायरों का जीवन लंबा होता है.
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