प्रदूषण में सांस लेने पर सबसे पहले शरीर के किस हिस्से पर प्रभाव पड़ता है?
आपको बता दें, कई स्टडी में पता चला है कि दुनिया में बीमारियों से मरने वालों में प्रदूषण से मौत का आंकड़ा भी काफी ज्यादा है. चलिए अब जानते हैं कि प्रदूषण शरीर के किन हिस्सों पर सबसे ज्यादा अटैक करता है.
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View In Appदरअसल, हवा में जब प्रदूषण की मात्रा बढ़ जाती है तो वो सबसे पहले श्वसन तंत्र पर अटैक करता है. इससे आंखों में खुजली और जलन, नाक में सूखापन और खुजली, गले में खराश, खांसी, दमा या सांस लेने में परेशानी होने लगती है
प्रदूषण की वजह से किडनी के डैमेज का खतरा, लिवर के टिश्यू को नुकसान, कार्डियोवस्कुलर डिजीज और यहां तक की कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. यही वजह है कि एक्सपर्ट्स प्रदूषण में बाहर ना निकलने की सलाह देते हैं.
एक्सपर्ट्स का मानना है कि प्रदूषण में मौजूद घातक कणों की वजह से आंखों की रोशनी कम होती है. ये कण नजर को धुंधला बनाने का काम करते हैं. इनके ज्यादा मात्रा में शरीर तक पहुंचने की वजह से सुनने की क्षमता भी प्रभावित हो सकती है.
वहीं कुछ हानिकारक कण सांस के जरिये खून में पहुंचकर कई खतरनाक बीमारियों को जन्म दे सकते हैं. जिसकी वजह से सीने में तेज दर्द भी हो सकता है. इसलिए आपको प्रदूषण से हमेशा सावधान रहने की जरूरत है.
आपको बता दें, नाइट्रोजन डाइ ऑक्साइड वो गैस है जो धुंध पैदा करता है. ये गैस पराली से लेकर गाड़ियों के फ्यूल और फैक्ट्रियों के धुएं से निकलकर हवा में घुल जाती है. ये गैस फेफड़े के ऊतकों को नुकसान पहुंचा सकती है. वहीं इससे स्किन कैंसर की समस्या बन सकती है.
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