एक नहीं होते टर्टल और Tortoise, समझिए दोनों में क्या अंतर होता है
जंतु विज्ञान में कछुआ सरीसृप संघ का सदस्य है, जिसमें सांप, छिपकली और मगरमच्छ आदि आते हैं, यानी कछुआ भी सांप, मगरमच्छ, छिपकली का ही रिश्तेदार है. इनकी स्टडी को हेर्पटोलॉजी (Herpatology) कहा जाता है.
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View In AppTurtle को जंतु विज्ञान की भाषा में Chelon (चिलोन) कहा जाता है. यह पूरी तरह से Marine है, यानी पानी में ही रहता है. जबकि, Tortoise को Testudo (टेस्टुडो) कहा जाता है और यह Terrestrial है, यानी जमीन पर रहता है.
कछुए और टॉर्टोइस दोनों कच्ची और पक्की खाल वाले, पानी में रहने वाले सरीसृप होते हैं, जिनकी खासियत उनकी शेल्स में होती है. कछुओं के पास पतली शेल्स होते हैं जो पानी में आसानी से तैरने में मदद करते हैं. जबकि टॉर्टोइस की शेल्स गोलाकार और गुंबददार होती हैं.
कछुए अपना पूरा जीवन पानी में ही बिताते हैं, वहीं टॉर्टोइस जमीन पर अधिक समय बिताते हैं.
कछुओं के पास तैरने के लिए फ्लिपर जैसे या जालदार पैर होते हैं, वहीं टॉर्टोइस के पास फोरलेग्स और एलिफेंटाइन के पैर होते हैं जो उन्हें चारों ओर घूमने और अतिरिक्त वजन उठाने में मदद करते हैं.
कछुए ओमनीवोरस (सर्वभक्षक) होते हैं और वे जेलीफिश, समुद्री शैवाल और अन्य समुद्री पौधों को खाते हैं. जबकि टॉर्टोइस आम तौर पर शाकाहारी (वेजिटेरियन) होते हैं और वे घास और पत्तेदार सब्जियों को खाते हैं.
कछुओं का जीवनकाल आमतौर पर 20-40 वर्ष होता है, जबकि टॉर्टोइस का जीवनकाल आमतौर पर 80-150 वर्ष होता है.
आमतौर पर टर्टल यानी कछुए बड़े होते हैं. सबसे बड़े कछुए लेदरबैक का वजन 300 से 700 किलो के बीच है.
टॉर्टोइस आम तौर पर कछुओं से छोटे होते हैं. सबसे बड़ा टॉर्टोइस अल्डाब्रा जायंट (Aldabra Giant) होता है जिसका औसत वजन 250 किलो होता है.
कछुओं की संख्या के घटने को देखते हुए, हर साल 23 मई को विश्व कछुआ दिवस भी मनाया जाता है जिसका मकसद उनके संरक्षण को प्रोत्साहित करना होता है.
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