आज तो डॉलर की रेट 80 पार है... मगर आजादी के वक्त 1 डॉलर कितने रुपये के बराबर था?
आजादी मिलने के बाद साल 1947 से भारतीय करेंसी को डॉलर के साथ मापने की शुरुआत हुई. इससे पहले पहले ब्रिटिश राज होने के कारण यह तुलना पाउंड से को जाती थी. 1947 में एक डॉलर की वैल्यू 4.16 रुपये के बराबर हुआ करती थी. इसके बाद 1950 से लेकर 1966 तक एक डॉलर की वैल्यू 4.76 रुपये पर बनी रही.
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View In Appइसके बाद भारतीय अर्थव्यवस्था में आई गिरावट, विदेशों से लिए कर्ज, 1962 के भारत-चीन युद्ध, 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध और 1966 में आए भीषण सूखे की मार के चलते 1967 में एक डॉलर की वैल्यू 7.50 रुपये के बराबर हो गई.
कच्चे तेल की सप्लाई के संकट के चलते 1974 में एक डॉलर की वैल्यू 8.10 रुपये तक पहुंच गई. इसके बाद देश में राजनीतिक संकट और भारी भरकम कर्ज के चलते एक दशक से भी ज्यादा समय तक रुपये में गिरावट आई, जो 1990 तक 17.50 रुपये पर आ गया.
1990 के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था पर संकट के बादल छाए हुए थे. साल 1992 में एक डॉलर 25.92 रुपये के बराबर था. 2004 में एक डॉलर की वैल्यू 45.32 रुपये थी. 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के एक साल.बाद एक डॉलर की वैल्यू 63 रुपये के बराबर थी. इसके बाद भी रुपये में कमजोरी का सिलसिला जारी रहा.
2021 में एक डॉलर का वैल्यू 74.57 रुपये के बराबर था. 2022 में एक समय डॉलर के मुकाबले रुपये में 10 फीसदी की गिरावट भी आई थी. जब एक डॉलर की वैल्यू 83 रुपये तक पहुंच गई थी. फिलहाल एक डॉलर के मुकाबले रुपये की वैल्यू 81.71 रुपये के आसपास है.
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