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(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
सांप के जहर की कैसे होती है तस्करी, इस कानून के तहत मिलती है सजा
दुनिया में शायद ही ऐसा कोई होगा, जो सांप के जहर से डरता नहीं होगा. क्योंकि कुछ सांपों का जहर इतना जहरीला होता कि सांप के काटने के कुछ देर बाद ही इंसान की मौत हो जाती है. लेकिन इन दिनों नशे के लिए रेव पार्टी में सांप के जहर का इस्तेमाल खूब हो रहा है.
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View In Appनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के एक अध्ययन के मुताबिक इन दिनों लोग सांप, बिच्छू जैसे रेप्टाइल्स के जहर का इस्तेमाल मनोरंजक उद्देश्यों और अन्य नशीले पदार्थों के विकल्प के रूप में खूब कर रहे हैं.
सवाल ये है कि आखिर लोग कैसे सांप के जहर का नशा करते हैं. इंडियन जर्नल ऑफ फिजियोलॉजी एंड फार्माकोलॉजी के रिसर्च पेपर के मुताबिक सांप के जहर का नशा करने के लिए लोग आमतौर पर सांप को अपने होंठ के पास रखकर खुद को कटवाते हैं. इसके अलावा इसका नशा करने के लिए लोग खुद को होंठ, जीभ या कान के लोब पर भी सांप से डसवाते हैं. हालांकि ये बहुत झटके में किया जाता है, ताकि ज्यादा जहर ना जाए.
इसके अलावा दुनियाभर में सांप की कई सारी प्रजातियां पाई जाती हैं. जानकारी के मुताबिक नशा करने के लिए इनकी कुछ खास प्रजातियों का इस्तेमाल करते हैं. इसके लिए इन सांपों की तस्करी होती है.
भारतीय संविधान के वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 में पौधों के अलग-अलग प्रजातियों और जंगली जानवरों से बने उत्पादों के व्यापार के विनियमन एवं नियंत्रण के लिए नियम बनाए गए हैं. जानवरों का गलत इस्तेमाल या तस्करी करना वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट के सेक्शन 49 और सेक्शन 49 B के तहत ये अपराध है. ऐसा करने पर कानून के तहत तीन से सात साल तक की सजा का प्रावधान है.
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