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अंतिम संस्कार में इन मजदूरों के नहीं जलते हैं पैर, वजह जानकर होंगे हैरान
जीवन और मृत्यु ये इंसानों के हाथ में नहीं है. इतना ही सभी धर्मों में मौत के बाद की रस्में भी अलग होती हैं. जैसे हिंदुओं में मौत के बाद इंसान को जलाया जाता है.
![जीवन और मृत्यु ये इंसानों के हाथ में नहीं है. इतना ही सभी धर्मों में मौत के बाद की रस्में भी अलग होती हैं. जैसे हिंदुओं में मौत के बाद इंसान को जलाया जाता है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2025/01/30/0be110d2ffb65990c8f1bd92f8bfb9381738180838860906_original.png?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
आपने देखा होगा कि हिंदू धर्म में मौत के बाद लाश को जलाया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कई नमक फैक्ट्री में काम करने वाले कई मजदूर ऐसे भी होते हैं, जिनकी मौत के बाद उनके पैर नहीं जलते हैं.
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![नमक का आम जीवन में बड़ा रोल है. क्योंकि बिना नमक के अच्छे-अच्छे व्यंजन का स्वाद बेकार लगता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि नमक फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूरों की स्थिति कितनी गंभीर होती है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2025/01/30/15613148687efa85a1c0653b7b1d0663ff2a9.png?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
नमक का आम जीवन में बड़ा रोल है. क्योंकि बिना नमक के अच्छे-अच्छे व्यंजन का स्वाद बेकार लगता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि नमक फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूरों की स्थिति कितनी गंभीर होती है.
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![बता दें कि नमक निकालने वाले मजदूरों को “अगरिया” कहा जाता है. खासकर भारत में गुजरात राज्य से नकम की सप्लाई होती है. गुजरात में में 50,000 से अधिक मजदूर नमक उत्पादन में क्षेत्र में काम करते हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2025/01/30/c7a04a2506a1399b085ff9efeec608d124b8f.png?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
बता दें कि नमक निकालने वाले मजदूरों को “अगरिया” कहा जाता है. खासकर भारत में गुजरात राज्य से नकम की सप्लाई होती है. गुजरात में में 50,000 से अधिक मजदूर नमक उत्पादन में क्षेत्र में काम करते हैं.
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![गुजरात के खाराघोड़ा इलाके के अगरिया समुदाय के लोग साल के नौ महीने नमक के खेतों में बिताते हैं. जहां दूर-दूर तक सफ़ेद मैदान होते हैं. इस दौरान नमक मजदूर कठिन परिस्थितियों में काम करते हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2025/01/30/680583f49216caa1f075f72194710f4766cc4.png?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
गुजरात के खाराघोड़ा इलाके के अगरिया समुदाय के लोग साल के नौ महीने नमक के खेतों में बिताते हैं. जहां दूर-दूर तक सफ़ेद मैदान होते हैं. इस दौरान नमक मजदूर कठिन परिस्थितियों में काम करते हैं.
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![लेकिन जब नमक मजदूरों की मौत होती है, तो कई बार उनके पैर चिता में नहीं जलते हैं. बता दें कि ऐसा इसलिए होता है,क्योंकि नमक के प्रभाव के कारण इनका शरीर कठोर बना जाता है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2025/01/30/482be3d8857e003c6f2a026f105307cebad10.png?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
लेकिन जब नमक मजदूरों की मौत होती है, तो कई बार उनके पैर चिता में नहीं जलते हैं. बता दें कि ऐसा इसलिए होता है,क्योंकि नमक के प्रभाव के कारण इनका शरीर कठोर बना जाता है.
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![नमक की वजह से इन मजदूरों के पैरों पर एक मोटी परत जम जाती है, जिससे मरने के बाद उनके पैर चिता में नहीं जलते हैं. वहीं नमक बनाने वाले मज़दूरों के पैर इतने सख़्त हो जाते हैं कि जलाने के बाद भी नहीं जलता है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2025/01/30/869ef270253a620b0fb057231af74719a5a73.png?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
नमक की वजह से इन मजदूरों के पैरों पर एक मोटी परत जम जाती है, जिससे मरने के बाद उनके पैर चिता में नहीं जलते हैं. वहीं नमक बनाने वाले मज़दूरों के पैर इतने सख़्त हो जाते हैं कि जलाने के बाद भी नहीं जलता है.
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![नमक के खेतों में काम करने वाले मज़दूरों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं. यही कारण है कि इनके पैर इतने सख़्त हो जाते हैं, दोबारा आग में डालकर जलाने पड़ते हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2025/01/30/ea72d1824af496e14581ca2734306c9a86858.png?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
नमक के खेतों में काम करने वाले मज़दूरों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं. यही कारण है कि इनके पैर इतने सख़्त हो जाते हैं, दोबारा आग में डालकर जलाने पड़ते हैं.
Published at : 30 Jan 2025 09:40 AM (IST)
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अनिल चमड़ियावरिष्ठ पत्रकार
Opinion: 'आस्था, भावुकता और चेतना शून्य...', आखिर भारत में ही क्यों होती सबसे ज्यादा भगदड़ की घटनाएं
Opinion