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इस मछली को कहा जाता है कचरा मछली, लेकिन इसको खाने के कई फायदे
मछली खाने का शौक बहुत लोगों को होता है. कई बार मांसाहारी खाने वाले लोगों को डॉक्टर प्रोटीन के लिए भी मछली खाने के लिए कहते हैं. लेकिन एक ऐसी मछली भी है, जिसे लोग कचरा मछली कहते हैं.
![मछली खाने का शौक बहुत लोगों को होता है. कई बार मांसाहारी खाने वाले लोगों को डॉक्टर प्रोटीन के लिए भी मछली खाने के लिए कहते हैं. लेकिन एक ऐसी मछली भी है, जिसे लोग कचरा मछली कहते हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/03/01/ac0eaae2c548679494eef2dd298d174b1709308276638906_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
मछली
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![इगोर सोलर नाम के समुद्री जीव विज्ञानी ने बताया कि तिलापिया को “कचरा मछली” कहा जाता है. वहीं कुछ लोग इसे मिरैकल फिश के नाम से भी जानते हैं. कहा जाता है कि ये मछली काफी गंदगी में रहना पसंद करती है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/03/01/ea4cd2f45cb33b66c8a25e7d61a1660c427dc.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
इगोर सोलर नाम के समुद्री जीव विज्ञानी ने बताया कि तिलापिया को “कचरा मछली” कहा जाता है. वहीं कुछ लोग इसे मिरैकल फिश के नाम से भी जानते हैं. कहा जाता है कि ये मछली काफी गंदगी में रहना पसंद करती है.
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![तिलापिया मछली को इसलिए भी कचरा मछली कहते हैं, क्योंकि ये मछली शैवाल, कीड़े और यहां तक कि मल खाती है. कई रिपोर्ट में ये सामने आया है कि इन मछलियों को गंदी जगहों पर पाला गया और ये मल पर भोजन करती पाई गई थी. इसीलिए इसे कचरा मछली कहा जाता है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/03/01/cd6f1ab868ad56e806cac3e3538370859e979.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
तिलापिया मछली को इसलिए भी कचरा मछली कहते हैं, क्योंकि ये मछली शैवाल, कीड़े और यहां तक कि मल खाती है. कई रिपोर्ट में ये सामने आया है कि इन मछलियों को गंदी जगहों पर पाला गया और ये मल पर भोजन करती पाई गई थी. इसीलिए इसे कचरा मछली कहा जाता है.
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![बता दें कि अब इस मछली को साफ पानी में भी पाला जा रहा है. लेकिन शुरू से इसे कचरा मछली कहा जाता था, इसलिए आज भी इसे लोग कचरा मछली कहते हैं. जीव विज्ञानी के मुताबिक मिस्रवासी 4,000 वर्षों से अधिक समय से इस मछली को पाल रहे हैं. दुनियाभर में इसकी लगभग 70 प्रजातियां हैं, लेकिन सिर्फ 9 का व्यावसायिक उत्पादन के लिए उपयोग किया जाता है](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/03/01/8384c6fa0583b4331ccfad71ab607c0d5c0a1.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
बता दें कि अब इस मछली को साफ पानी में भी पाला जा रहा है. लेकिन शुरू से इसे कचरा मछली कहा जाता था, इसलिए आज भी इसे लोग कचरा मछली कहते हैं. जीव विज्ञानी के मुताबिक मिस्रवासी 4,000 वर्षों से अधिक समय से इस मछली को पाल रहे हैं. दुनियाभर में इसकी लगभग 70 प्रजातियां हैं, लेकिन सिर्फ 9 का व्यावसायिक उत्पादन के लिए उपयोग किया जाता है
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![बता दें कि इस मछली का अधिकांश उत्पादन लगभग 42 फीसदी चीन और 14 प्रतिशत मिस्र में होता है. इसके बाद इंडोनेशिया, फिलीपींस, मलेशिया और भारत में भी इसको पाला जा रहा है. भारत में हर साल 1 लाख टन तिलापिया का उत्पादन होता है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/03/01/1290d451679c754f3a4e0ddebf3f26aa8651f.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
बता दें कि इस मछली का अधिकांश उत्पादन लगभग 42 फीसदी चीन और 14 प्रतिशत मिस्र में होता है. इसके बाद इंडोनेशिया, फिलीपींस, मलेशिया और भारत में भी इसको पाला जा रहा है. भारत में हर साल 1 लाख टन तिलापिया का उत्पादन होता है.
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![जानकारी के मुताबिक तिलापिया मछली के फायदे भी बहुत हैं. इसमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन, मैग्नीशियम, फास्फोरस, जिंक और सोडियम जैसे जरूरी पोषक तत्व भी पाए जाते हैं. जो हड्डियों को मजबूत बनाती है. वहीं ओमेगा-3 फैटी एसिड भी पाया जाता है, जो दिमाग के लिए फायदेमंद है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/03/01/79e2966aa9740c7c527255f05f21bd50ef248.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
जानकारी के मुताबिक तिलापिया मछली के फायदे भी बहुत हैं. इसमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन, मैग्नीशियम, फास्फोरस, जिंक और सोडियम जैसे जरूरी पोषक तत्व भी पाए जाते हैं. जो हड्डियों को मजबूत बनाती है. वहीं ओमेगा-3 फैटी एसिड भी पाया जाता है, जो दिमाग के लिए फायदेमंद है.
Published at : 01 Mar 2024 09:21 PM (IST)
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