हजारों फीट की ऊंचाई पर प्लेन में एक छेद हो जाए तो क्या होगा? ये है जवाब
देश में हर दिन तकरीबन 2.25 लाख लोग फ्लाइट के जरिए यात्रा करते हैं. और महीने दर महीने इस आंकड़े में इजाफा देखने को मिल रहा है. भारत में रोजाना तकरीबन 2,978 घरेलू उड़ानें संचालित होती है.
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View In Appफ्लाइट में सफर करने का मजा अलग ही है. लेकिन कई बार यह मजा सजा में भी बदल जाता है. पिछले कुछ समय से देखा जाए तो फ्लाइट में हादसों के केस भी काफी सामने आए. इनमें अलग-अलग वजहों से हादसे हुए हैं.
और उसमें अचानक से एक छोटा छेद हो जाए तो क्या होगा. क्या प्लान अपना संतुलन खोकर क्रैश कर जाएगा. अगर आपके मन में भी है ख्याल है तो आपको बता दें. प्लेन में जरा सा भी खतरे का संकेत होता है. हालांकि अगर से छोटा है तो खतरा नहीं होता.
अगर प्लेन में छोटा सा छेद होता है. तो प्लेन के केबिन में दबाव पड़ने लगता है. क्योंकि छोटे से छेद से हवा अंदर आती है. लेकिन प्लेन का प्रेशराइजेशन सिस्टम इस प्रॉब्लम को ठीक कर देता है. और प्लेन का बैलेंस बना रहता है.
वहीं अगर प्लेन में छेद ज्यादा बड़ा होता है. तो फिर खतरा बढ़ सकता है. क्योंकि इससे प्लेन के अंदर हवा का प्रेशर बिगड़ जाएगा और यात्री उस प्रेशर को सहन नहीं कर पाएं. ऐसे में जिससे ऑक्सीजन की कमी से हाइपोक्सिया की स्थिति भी बन सकती है.
अगर प्लेन में छेद बड़ा होता है तो फिर प्लेन के टूटने का खतरा भी बढ़ जाता है. हालांकि आजकल की आधुनिक फ्लाइट्स इस तरह की परिस्थितियों से निपटने के लिए पहले से ही तैयार रहती हैं. विमान को उसी हिसाब से डिजाइन भी किया जाता है.
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