फ्लाइट में कैसे काम करता है वाई-फाई, जानिए कहां से मिलता है सिग्नल
फ्लाइट में सफर के दौरान यात्रियों के फोन में नेटवर्क नहीं आता है. वहीं अधिकांश फ्लाइट में कंपनियां वाई-फाई की सुविधा नहीं देती हैं. लेकिन अब भारत में एयर इंडिया कुछ चुनिंदा फ्लाइट में वाई फाई की सुविधा दे रहा है.
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View In Appबता दें कि फ्लाइट में एयर-टू-ग्राउंड सिस्टम के जरिए इंटरनेट मिलता है. इस तकनीक में विमान में लगा एक एंटीना जमीन पर मौजूद सबसे नजदीकी टावर से सिग्नल पकड़ता है. हालांकि जब विमान बिना ग्राउंड वाले क्षेत्र यानी समुद्र या चट्टानों से गुजरता है, तो ये सिग्नल नहीं काम करता है.
इसके अलावा फ्लाइट में सैटेलाइट-आधारित वाईफाई सिस्टम है. बता दें कि इसमें सैटेलाइट सीधे विमान पर लगे एंटेना को सिग्नल भेजते हैं. जिसके बाद हवा से जमीन पर आधारित नेटवर्क सैटेलाइट का इस्तेमाल करके सिग्नल को पहले जमीन पर लगे ट्रांसमीटर और फिर विमान में लगे एंटीना तक भेजते हैं.
विदेशों में तो इनफ्लाइट वाईफाई की सुविधा काफी लोकप्रिय है. दरअसल अमेरिका की दो प्रमुख एयरलाइन डेल्टा और यूनाइटेड ने बताया कि हर महीने 1.5 मिलियन से ज्यादा पैसेंजर उनकी इनफ्लाइट वाईफाई सेवा का इस्तेमाल करते हैं. वहीं जेटब्लू एयरलाइंस ने कहा कि हर साल लाखों ग्राहक इसकी सेवा का इस्तेमाल करते हैं.
बता दें कि एयर इंडिया ने भारत में इनफ्लाइट वाईफाई की सुविधा देने जा रहा है. हालांकि ये सुविधा शुरूआत में एयर इंडिया के चुनिंदा फ्लाइट में दी जाएगी. जिसमें एयरलाइन के एयरबस ए350, बोइंग 787-9 और एयरबस ए321 नियो विमानों पर वाई-फाई सेवा उपलब्ध रहेगी. एयरलाइन पहले से ही चल रहे पायलट कार्यक्रम के तहत
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