कैसे चुनी जाती है चीटियों की रानी और क्या होता है सभी चीटीयों में उसका रोल?
चीटियों को सामाजिक जीव कहना गलत नहींं होगा, क्योंकि ये हर जगह पाई जाती हैं. इनमें काम का भी स्पष्ट बंंटवारा होता है.
Download ABP Live App and Watch All Latest Videos
View In Appचींटियां हमेशा कॉलोनी बनाकर रहती हैं. इसमें रानी चींटी, नर चींटी और बहुत सारी मादा चीटियां होती हैं. ऐसे में नर चीटियों की पहचान ये होती है कि उनके पंख होते हैं, वहींं मादा चीटियों के पंख नहीं होते हैं.
रानी चींटी की पहचान की बात करें तो वो ये होती है कि वो सबसे बड़ी होती है. इसका मुख्य काम अंडे देना है. रानी चीटीं एक बार में हजारों अंडे देती है. नर चींटे का शरीर थोड़ा छोटा होता है. वो रानी चींटी को गर्भवती करने के कुछ दिन बाद मर जाता है.
दूसरी चींटियों का काम खाना लाना, बच्चों की देखभाल करना और कॉलोनीनुमा घर बनाना होता है. ये श्रमिक चींटियां होती है जो ज्यादातर मादा होती हैं. इसके अलावा रक्षक चींटियों का काम घर की हिफाजत करना होता है.
एक मादा चींटी का श्रमिक या रानी बनने का भाग्य मुख्य रूप से आहार पर निर्भर करता है, वंशागत नहीं. बता दें कि कोई भी मादा चींटी का लार्वा रानी बन सकता है, जिन्हें प्रोटीन से भरपूर आहार मिलता है. वहींं अन्य लार्वा को कम प्रोटीन मिलता है, जिसके कारण वे श्रमिक के रूप में विकसित होते हैं. बता दें कि रानी चींटी कॉलोनी की संस्थापक होती है.
- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -