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Suicide cases in Pakistan: पाकिस्तान में हर साल कितने लोग करते हैं सुसाइड? जानें क्या है इसकी वजह
पड़ोसी देश पाकिस्तान की हालत किसी से छिपी नहीं है. पाकिस्तान में आर्थिक तंगी-आतंकवाद और डिप्रेशन समेत अन्य कारणों से हर साल हजारों युवा अपनी जान दे देते हैं. मनोचिकित्सक इस पर रिसर्च कर रहे हैं.
![पड़ोसी देश पाकिस्तान की हालत किसी से छिपी नहीं है. पाकिस्तान में आर्थिक तंगी-आतंकवाद और डिप्रेशन समेत अन्य कारणों से हर साल हजारों युवा अपनी जान दे देते हैं. मनोचिकित्सक इस पर रिसर्च कर रहे हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/06/28/37aac79aa6d16ac35685e3d91b3644ff1719526845866906_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
पाकिस्तान और आतंकवाद का रिश्ता बहुत पुराना है. लेकिन पाकिस्तान में आतंकवाद के अलावा आत्महत्या के मामलों की संख्या भी बढ़ रही है. इनमें आत्मघाती हमले भी शामिल हैं.
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![पाकिस्तान ने दुनियाभर से कर्ज लिया हुआ है. पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति के बारे में हर देश जानता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि पाकिस्तान में हर साल कितने लोग आत्महत्या करते हैं?](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/06/28/526cf4b000122a1bb049b82020d0040bb7475.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
पाकिस्तान ने दुनियाभर से कर्ज लिया हुआ है. पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति के बारे में हर देश जानता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि पाकिस्तान में हर साल कितने लोग आत्महत्या करते हैं?
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![पाकिस्तान में आत्महत्या करने वालों की संख्या हर साल बढ़ती जा रही है. आत्महत्या की कई वजह हैं, जिनमें आर्थिक तंगी, बेरोजगारी, डिप्रेशन और आतंकवाद शामिल हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/06/28/84e6d9e3dc3fe36dac0789a81531b637e5442.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
पाकिस्तान में आत्महत्या करने वालों की संख्या हर साल बढ़ती जा रही है. आत्महत्या की कई वजह हैं, जिनमें आर्थिक तंगी, बेरोजगारी, डिप्रेशन और आतंकवाद शामिल हैं.
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![विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक पुरानी रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान में आत्महत्या की दर आठ प्रतिशत से अधिक हो गई है. पाकिस्तान में आत्महत्या को लेकर वहां के मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ चिंतित रहते हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/06/28/c5dd9e9a6eacee3af311864828ccb14d0fa90.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक पुरानी रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान में आत्महत्या की दर आठ प्रतिशत से अधिक हो गई है. पाकिस्तान में आत्महत्या को लेकर वहां के मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ चिंतित रहते हैं.
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![इसके अलावा बीते वर्षों में गिलगिट बाल्टिस्तान में युवाओं के आत्महत्या करने के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है. हालांकि आत्महत्या के सभी मामलों के सही कारणों का पता नहीं चल पाता है. लेकिन कुछ शोधकर्ताओं और विशेषज्ञों के मुताबिक आत्महत्या के बढ़ते मामलों का मुख्य कारण सामाजिक परिवर्तन और मानसिक विकारों का अनियंत्रित होना है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/06/28/a88c3bae40b36aec8695e7f92080816748447.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
इसके अलावा बीते वर्षों में गिलगिट बाल्टिस्तान में युवाओं के आत्महत्या करने के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है. हालांकि आत्महत्या के सभी मामलों के सही कारणों का पता नहीं चल पाता है. लेकिन कुछ शोधकर्ताओं और विशेषज्ञों के मुताबिक आत्महत्या के बढ़ते मामलों का मुख्य कारण सामाजिक परिवर्तन और मानसिक विकारों का अनियंत्रित होना है.
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![खबरों के मुताबिक, पाकिस्तान में बीते कुछ साल में सुसाइड टेरेरिज्म तेजी से बढ़ा है. इन आत्मघाती हमलों में बड़ी संख्या में आम नागरिकों की भी जान गई है. पाकिस्तान सरकार अभी तक आत्मघाती हमले रोकने में नाकाम साबित हुई है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/06/28/58a7e317605f5c8e2e3999efa689bed6292a1.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
खबरों के मुताबिक, पाकिस्तान में बीते कुछ साल में सुसाइड टेरेरिज्म तेजी से बढ़ा है. इन आत्मघाती हमलों में बड़ी संख्या में आम नागरिकों की भी जान गई है. पाकिस्तान सरकार अभी तक आत्मघाती हमले रोकने में नाकाम साबित हुई है.
Published at : 28 Jun 2024 11:58 AM (IST)
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शशांक शेखर झा, एडवोकेटAdvocate
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