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(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
मोती की खेती कैसे होती, जानिए इससे जुड़ी सारी जानकारी
आज के युग में किसान अपनी पारंपरिक खेती के अलावा भी अधिक आय देने वाली फसलों का चुनाव कर रहे हैं. इसमें मोती किसानों के लिए अच्छा विकल्प बन कर उभरा है. इसका उत्पादन कर किसान लाखों में लाभ कमा रहे हैं.
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View In Appमोती एक प्राकृतिक रत्न है, जो शिप से पैदा होता है. बाहरी कणों के शिप के अंदर प्रवेश करने से मोती का निर्माण होता है.
बता दें कि मोती को तैयार होने में लगभग 14 माह का समय लग जाता है. मोती की गुणवत्ता के अनुसार उसकी कीमत तय होती है. एक सामान्य मोती का दाम 300 से 1500 रुपए तक होता है. वहीं डिजायनर मोती के लिए अंतरराष्ट्रीय बाजार में 10 हजार रुपए तक का दाम मिल सकता है.
मोती की मांग घरेलू बाजारे के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में हमेशा बनी रहती है. वैज्ञानिक विधि से और प्रशिक्षण लेकर अगर मोती की खेती करते हैं तो अच्छी गुणवत्ता वाली मोती की खेती की जा सकती है. इसे बाजारों में बेचकर किसान काफी मुनाफा कमा सकते हैं.
मोती की खेती के लिए सबसे अनुकूल समय अक्टूबर से दिसंबर तक का होता है. लेकिन इसकी खेती के लिए भूमि की जगह तालाब की जरूरत पड़ती है. तालाब में शिप के माध्यम से मोती की खेती की जाती है.
मोती की खेती के लिए बहुत ज्यादा पैसों की आवश्यकता नहीं हैं. विशेषज्ञों के मुताबिक सिर्फ 25 हजार के निवेश से किसान 3 लाख तक का मुनाफा कमा सकते हैं.
किसान सीप के सहारे मोती उत्पादन कर सकते हैं. इसके लिए उन्हें एक तालाब या टैंक का चुनाव करना होगा. इसके बाद सबसे पहले सीपों को घर पर ही बनाए गए छोटे तालाब में वातावरण के अनुकुल ढालने के लिए 10 दिन तक छोड़ना होगा. फिर सर्जरी करके उनमें न्यूक्लीयस डालकर तीन दिन एंटीबॉडी में रखा जाता है. जिसके बाद सभी सीपों को 12-13 माह तक तालाब में छोड़ दिया जाता है. बता दें कि सीप से मोती निकालने के काम में तीन गुना तक का मुनाफा हो जाता है.
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