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बांग्लादेश में 2 नहीं तो कितनी पटरियों पर चलती है ट्रेन, क्या जानते हैं आप?
दुनिया में लगभग सभी जगहों पर ट्रेनें दो पटरियों पर चलती हैं. हालांकि बांग्लादेश में ऐसा नहींं है. वहां ट्रेनें दो पटरियों पर नहीं चलतीं.
![दुनिया में लगभग सभी जगहों पर ट्रेनें दो पटरियों पर चलती हैं. हालांकि बांग्लादेश में ऐसा नहींं है. वहां ट्रेनें दो पटरियों पर नहीं चलतीं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/04/12/7e05a2c79abf809142af1898a9fec01f1712907829799742_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
किसी भी देश में ट्रेन वहां के लोगों के लिए मुख्य संसाधन होती हैं. जहां लोग इससे आसानी से आवागमन कर सकते हैं.
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![वहीं दुनिया के लगभग सभी देशों में दो पटरियों पर ट्रेनें चलती हैं.लेकिन भारत के पड़ोसी देश बाग्लादेश में ऐसा नहीं है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/04/12/0d07054fcb51f0ce2f5f20fb68a308c94a7e4.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
वहीं दुनिया के लगभग सभी देशों में दो पटरियों पर ट्रेनें चलती हैं.लेकिन भारत के पड़ोसी देश बाग्लादेश में ऐसा नहीं है.
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![यहां ट्रेनें दो नहीं बल्कि तीन पटरियों पर चलती हैं. हालांकि पहले यहां सिर्फ मीटर और ब्रॉड गेज में ट्रेनों का संचालन किया जाता था.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/04/12/e04a3bbea14f4fefdb6493d252d9e22da7296.jpeg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
यहां ट्रेनें दो नहीं बल्कि तीन पटरियों पर चलती हैं. हालांकि पहले यहां सिर्फ मीटर और ब्रॉड गेज में ट्रेनों का संचालन किया जाता था.
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![फिर समय के साथ यहां परिवर्तिन आया और ट्रेनों में पर्वर्तन केे साथ पटरियों को भी चेंज करने की बात चलने लगी.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/04/12/540c238b094ba412caa53d1a6dc36116dec5d.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
फिर समय के साथ यहां परिवर्तिन आया और ट्रेनों में पर्वर्तन केे साथ पटरियों को भी चेंज करने की बात चलने लगी.
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![ऐसे में बाग्लादेश में पुरानी पटरियों के ट्रेक को बदलना उचित नहीं समझा गया, क्योंकि यदि ऐसा किया जाता तो लोकोमोटिव से लेकर कोच तक में परिवर्तन करना पड़ता.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/04/12/65cbaf035fff98c7b5b894f625da14593af92.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
ऐसे में बाग्लादेश में पुरानी पटरियों के ट्रेक को बदलना उचित नहीं समझा गया, क्योंकि यदि ऐसा किया जाता तो लोकोमोटिव से लेकर कोच तक में परिवर्तन करना पड़ता.
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![जिससे रेलवे को ज्यादा खर्च उठाना पड़ता. ऐसे में ड्यूल ट्रैक में 2 अलग-अलग गेज की ट्रेन को एक ही ट्रैक पर चलाया जाता है और यहां तीसरा गेज कॉमन होता है. जो अलग-अलग गेज की ट्रेन के लिए काम आता है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/04/12/3e4f10d6fbe147c9a24216893106a9c6d0967.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
जिससे रेलवे को ज्यादा खर्च उठाना पड़ता. ऐसे में ड्यूल ट्रैक में 2 अलग-अलग गेज की ट्रेन को एक ही ट्रैक पर चलाया जाता है और यहां तीसरा गेज कॉमन होता है. जो अलग-अलग गेज की ट्रेन के लिए काम आता है.
Published at : 12 Apr 2024 01:25 PM (IST)
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