नदियों का पानी मीठा तो बड़े से समुद्र का पानी क्यों होता है खारा?
यदि सभी समुद्र का पानी खारा न होकर मीठा होता तो दुनिया में पानी की किल्लत न होती. अमेरिका के नेशनल आशियाना और एटमोस्फियरिक एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक, अगर सभी समुद्रों से पूरा नमक निकाल कर जमीन पर फैला दिया जाए तो उसकी परत बहुत ऊंची हो जाएगी.
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View In Appसबसे पहले जानते हैं कि नदियों का पानी मीठा क्यों होता है, तो बता दें कि नदियों में झरनों से बहता पानी आता है, साथ ही इसमें बारिश का पानी होता है और क्योंकि नदियां दूर से बहकर आती हैं तो इनमें प्रकृति के अन्य पदार्थ घुल जाते हैं.
जो काफी कम मात्रा में होते हैं. इसलिए नदियों का पानी मीठा होने के साथ साफ भी माना जाता है. वहीं समुद्र में नमक की मात्रा ज्यादा होती है.
ये नमक नदियों से ही समुद्र में मिलता है. दरअसल समुद्रों में नमक आने की दो वजह हो सकती हैं. पहली ये है कि समुद्रों में सबसे ज्यादा नमक नदियों से आता है. कहा जाता है कि बारिश का पानी थोड़ा अम्लीय होता है, वहीं जब येे पानी जमीन की चट्टानों पर पड़ता है, तो उसका अपरदन कर देता है और इससे बनने वाले आयरन नदी के रास्ते समुद्र में घुल जाते हैं. इससे समुद्र का पानी खारा होता रहता है.
इसके अलावा समुद्र के पानी में सबसे अधिक क्लोरीन और सोडियम के तत्व मौजूद होते हैं. ये दोनों मिलकर महासागरों में घुले आयनों का 85 फीसदी हिस्सा बनाते है. इसके बाद मैग्नीशियम और सल्फेट 10 फीसदी हिस्सा बनाते हैं. इसके चलतेे इसमें बाकी आयनों की मात्रा बहुत कम होती है. इसलिए हमें समुद्र का पानी हमेशा खारा लगता है और पीनेे योग्य नहीं माना जाता.
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