15 करोड़ किलोमीटर दूर है सूरज, धरती पर रोशनी पहुंचने में लगते हैं बस 8 मिनट, क्या प्रकाश से भी तेज है किसी की रफ्तार?

इंसान इससे भी आगे की सोच रहा है और वह ऐसी चीजें बनाने में लगा हुआ है, जिनकी रफ्तार को कोई मात न दे सके. हालांकि, प्रकाश की रफ्तार के आगे सबकुछ फीका है. यह बात हम सभी जानते हैं कि दुनिया में सबसे तेज रफ्तार प्रकाश की ही होती है. इसकी रफ्तार को कोई छू तक नहीं सकता.
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निर्वात या वैक्यूम में प्रकाश की रफ्तार 299,792.459 किलोमीटर प्रति सेकेंड होती है, यानी करीब 3 लाख किलोमीटर प्रति सेकेंड. इसे आसानी से ऐसे समझा जा सकता है कि सूरज, धरती से करीब 15 करोड़ किलोमीटर दूर है, लेकिन सूरज की रोशनी को धरती तक पहुंचने में महज 8 मिनट 20 सेकेंड लगते हैं.

सितंबर, 2011 में स्विस वैज्ञानिक एंतोनियो एरेडिटाटो ने दावा किया कि न्यूट्रिनो नाम के कुछ कणों ने प्रकाश से भी तेज रफ्तार की दूरी तय की थी. वह 'ओपेरा प्रोजेक्ट' पर काम कर रहे थे. यह दावा चौंकाने वाला इसलिए भी था कि प्रकाश की रोशनी से तेज कुछ भी नहीं होता.
बाद में पाया गया कि ओपेरा प्रोजेक्ट के नतीजे गलत थे. एक तार में गड़बड़ी के कारण एंटोनियों और उनके साथियों के प्रयोग के नतीजे गलत आए थे. बाद में यह प्रयोग बंद हो गया ओर एंटोनियों को इस्तीफा भी देना पड़ा.
इसके बाद से आज तक प्रकाश की रफ्तार को मात देने वाला कोई भी कण वैज्ञानिकों को नहीं मिला है. हालांकि, यह बात महत्वपूर्ण जरूर है कि क्या प्रकाश की रफ्तार से भी तेज कुछ हो सकता है.
वैज्ञानिकों का कहना है कि दरअसल, प्रकाश फोटान से बना है जो इलेक्ट्रॉन के मुकाबले तेजी से चलते हैं. फोटान में कोई वजन नहीं होता, इसीलिए प्रकाश इतनी रफ्तार से आगे बढ़ पाता है.
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