सीएम रहते चुनाव हारे जोरमथांगा और केसीआर, जानें इस लिस्ट में कौन-कौन से नेता शुमार
तेलंगाना विधानसभा चुनाव में केसीआर दो सीटों से चुनाव लड़ रहे थे. इसमें एक सीट पर उन्हें जीत हासिल हुई और एक पर हार. गजवेल पर जहां केसीआर ने बीजेपी नेता इटाला राजेंद्र को हराया, वहीं कामारेड्डी में वो बीजेपी के रमण रेड्डी से हार गए.
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View In Appवहीं मिजोरम की बात करें तो आइजोल पूर्व-1 विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे मौजूदा सीएम और एमएनएफ के उम्मीदवार जोरमथांगा को हार का सामना करना पड़ा. उन्हें जेडपीएम के उम्मीदवार लालथनसांगा ने हराया है. हालांकि, इस विधानसभा चुनाव से इतर देखें तो देश में कई विधानसभा चुनावों में ये स्थिति बनी है कि मुख्यमंत्री खुद अपनी सीट हार गए हैं.
इस लिस्ट में ममता बनर्जी भी शामिल हैं. 2021 पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम सीट से मुख्यमंत्री रहते हुए ममता बनर्जी को सुवेंदु अधिकारी ने हरा दिया था. हालांकि, सुवेंदु अधिकारी के जीत का मार्जिन मात्र 1957 वोट थे.
उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी भी सीएम रहते चुनाव हार चुके हैं. पिछले साल 2022 में हुए उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में पुष्कर सिंह धामी खटीमा सीट से चुनाव लड़ रहे थे और वहां वह भूवन चंद्र कापड़ी से चुनाव हार गए.
2019 झारखंड विधानसभा चुनाव में सीएम रहते हुए रघुवर दास खुद अपनी सीट जमशेदपुर पूर्वी नहीं बचा पाए थे. बड़ी बात ये रही कि उन्हें उनकी ही पार्टी के बागी से हार मिली थी. दरअसल, गघुवर दास को अपनी पार्टी के बागी नेता सरयू राय से 15 हजार वोटों से मात मिली थी.
उत्तराखंड में कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत सीएम रहते हुए अपनी सीट हार गए थे. सबसे बड़ी बात कि वो दो सीटों से चुनाव लड़ रहे थे और दोनों ही सीटों पर उनकी हार हुई थी. इसमें एक सीट किच्छा थी और दूसरी हरिद्वार.
इसके अलावा लक्ष्मीकांत पारसेकर, भुवन चंद्र खंडूरी, शीला दीक्षित, शांता कुमार, ललथनहौला, कैलाश नाथ काटजू और चंद्रभानु गुप्ता भी ऐसे नाम हैं जो सीएम रहते हुए अपनी सीट हार गए थे. वहीं कई ऐसे भी सीएम थे जो दो सीटों से चुनाव लड़े, लेकिन एक सीट हार गए. इनमें हेमंत सोरेन, वीरभद्र सिंह, सिद्दारमैया और केसीआर शामिल हैं.
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