'अंधे के हाथ बटेर लगना'... बटेर क्या है और इसमें क्या खास होता है?
इस मुहावरे के सामान्य अर्थ होता है - 'किसी मूर्ख व्यक्ति के हाथ कोई कीमती वस्तु लग जाना'. या फिर कह सकते हैं कि बिना मेहनत किए मूल्यवान चीज मिल जाना.
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View In Appकिसी अंधे व्यक्ति को कुछ दिखाई नहीं देता है, ऐसे में अगर उसके हाथ बटेर लग जाए तो कहा जा सकता है कि उसे बिना मेहनत किए मूल्यवान चीज मिल गई. सम्भव है कि बिना मेहनत किए कीमती चीज मिलने पर उसे समझ मे नहीं आएगा कि वो इसका क्या करे.
बटेर या वर्तक (quail) भूमि पर रहने वाला एक पक्षी है. जो ज्यादा लम्बी दूरी तक नहीं उड़ सकता है और जमीन पर ही घोंसला बनाते हैं. इनके स्वादिष्ट मांस और अंडों के लिए इसका शिकार किया जाता है.
इसका मांस स्वादिष्ट और पौष्टिकता भरा होता है. मादा बटेर सालभर में करीब 280 से 300 तक अंडे देती है. कोरोना काल में भी जब सब लोग हर तरह के मांस को खाने से बच रहे थे, तब काफी लोग इन्यूमुनिट वर्धक के तौर पर बटेर के मांस का सेवन कर रहे थे.
बटेर से जुड़ी इन्ही सब खास बातों के लिए इस मुहावरे में अंधे के हाथ बटेर लगने को बिना परिश्रम के मूल्यवान वस्तु के मिल जाने से जोड़कर कहा गया है.
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