अपनी पहली यात्रा पर ही डूब गया था टाइटैनिक! पढ़िए इस जहाज से जुड़े कुछ और रोचक फैक्ट्स
टाइटैनिक 10 अप्रैल, 1912 को इंग्लैंड के साउथेम्प्टन से न्यूयॉर्क के लिए अपनी पहली यात्रा पर निकला था. यात्रा के 4 दिन बाद यह 14 अप्रैल की आधी रात को एक आइसबर्ग से टकराकर अटलांटिक महासागर में डूब गया था. इस तरह इसकी पहली यात्रा ही आखिरी यात्रा में बदल गई थी.
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View In Appटाइटैनिक अपने दौर का सबसे बड़ा जहाज था. इसे तैरने वाले शहर के नाम से पुकारा जाता था. यह 882 फीट लंबा और 46,000 टन वजनी था. यह जहाज आधुनिक तकनीक का एक नायाब नमूना था.
टाइटैनिक को पूरी तरह डूबने में दो घंटे से भी ज्यादा का वक्त लगा था. बचाव कार्य भी जारी था. इस पूरे घटनाक्रम के दौरान जहाज में मौजूद बैंड के लीडर, वालेस हार्टले संगीत को बहुत मानते थे. इसलिए उन्होंने अपना कार्यक्रम जारी रखा.
आइसबर्ग से जुड़ी चेतावनी कई बार जहाज को भेजी गई थी, लेकिन दुर्भाग्य से स्टाफ ने इसे नजरअंदाज किया. रेडियो ऑपरेटर बेफिक्र होकर सो गए. इसीलिए जब दुर्घटना हुई तो प्रतिक्रिया देने के लिए वो समय पर उपलब्ध नहीं थे.
रिकॉर्ड के मुताबिक, इस दुर्घटना में 1500 लोगों की मौत हुई थी. जिसमें 832 यात्री और 685 स्टाफ के सदस्य शामिल थे. टाइटैनिक का मलबा 1985 में खोजा गया था. जो 15 वर्ग मील के क्षेत्र में फैला हुआ है.
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