भारत के परमाणु परीक्षण में प्याज़ का था ये ख़ास रोल, जानकार नहीं होगा यक़ीन
यह सुनने में थोड़ा अजीब लग सकता है, लेकिन यह सच है कि इस परीक्षण में प्याज़ का इस्तेमाल एक महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में किया गया था. ऐसे में चलिए इसकी दिलचस्प कहानी जानते हैं.
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View In Appबता दें परमाणु परीक्षण में प्याज़ का उपयोग परमाणु परीक्षण में एक संवेदक के रूप में किया गया था. प्याज़ में मौजूद कुछ रासायनिक तत्व विस्फोट के दौरान होने वाले विकिरण के संपर्क में आने पर रंग बदल जाते हैं. वैज्ञानिकों ने इसी सिद्धांत का उपयोग करके प्याज़ को एक प्राकृतिक संवेदक के रूप में इस्तेमाल किया.
बता दें प्याज़ का उपयोग इसलिए किया गया क्योंकि यह सस्ता, आसानी से उपलब्ध और पर्यावरण के लिए हानिकारक नहीं था. इसके अलावा, प्याज़ में मौजूद रासायनिक तत्व बहुत ही संवेदनशील होते हैं और वो बहुत कम मात्रा में विकिरण का भी पता लगा सकते हैं.
प्याज़ को परीक्षण स्थल के आसपास विभिन्न स्थानों पर रखा गया था. विस्फोट के बाद, वैज्ञानिकों ने इन प्याज़ों को इकट्ठा किया और उनमें हुए रंग परिवर्तन का अध्ययन किया. इस अध्ययन से वैज्ञानिकों को विस्फोट की तीव्रता और उसके प्रभावों के बारे में जानकारी मिली.
इससे वैज्ञानिकों को कई फायदे भी हुए. जैसे प्याज़ के उपयोग से वैज्ञानिकों को विस्फोट की तीव्रता को बहुत ही सटीक रूप से मापने में मदद मिली. साथ ही प्याज़ एक सस्ता और आसानी से उपलब्ध संवेदक था, जिससे परीक्षण की लागत में काफी कमी आई.
वहीं प्याज़ पर्यावरण के लिए हानिकारक नहीं था, इसलिए इसका उपयोग करने से पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचा. यह प्रयोग इसलिए महत्वपूर्ण था क्योंकि इसने वैज्ञानिकों को परमाणु परीक्षणों के बारे में अधिक जानने में मदद की. इस प्रयोग से मिले आंकड़ों का उपयोग भविष्य के परमाणु परीक्षणों में किया गया और इससे भारत की परमाणु तकनीक में काफी सुधार हुआ.
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