ओलंपिक में बॉक्सर हमेशा क्यों रहते हैं क्लीन शेव? जान लें क्या है ये नियम
कुश्ती में बड़े-बड़े पहलवानों ने भारत को कई मेडल दिलाए हैं. इन सब के इतर आज हम ओलंपिक में कुश्ती से जुड़े नियमों के बारे में जानेंगे.
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View In Appसाथ ही ये भी जानेंगे कि आखिर कुश्ती के खिलाड़ियों को क्लीन शेव रहने के लिए क्यों कहा जाता है और आखिर इसके पीछे वजह क्या है.
ओलंपियन पहलवानों को एक ही टुकड़े वाला सिंगलेट पहनना होता है जो जांघ के बीच से शुरू होकर उनके पूरे शरीर को ढकता है.
वो कलाई, हाथ या टखनों पर पट्टियां नहीं पहन सकते, सिवाय चोट लगने की स्थिति में. उन्हें अंगूठी, कंगन, झुमके जैसे आभूषण पहनने की भी अनुमति नहीं होती.
वहीं क्लीन शेव की बात करें तो किसी भी क्लोज-अप या ग्राउंडवर्क में किसी भी बाधा को रोकने के लिए दाढ़ी खिलाड़ी के लिए बड़ी पैदा कर सकती है. ओलंपिक में कुश्ती में दूसरा प्रतिभागी दाढ़ी होने पर उसे पकड़कर खींच सकता है, जिससे भारी चोट लग सकती है. यही वजह है कि ओलंपिक में कुश्ती के खिलाड़ियों को क्लीन शेव रहने के लिए कहा जाता है.
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