पूरी दुनिया में ग्लोबल वॉर्मिंग के चलते गर्मी से परेशान लोग, फिर कुछ जगह भयंकर ठंड क्यों? जानिए वजह
वैज्ञानिकों ने गर्म आर्कटिक-शीत महाद्वीप या डब्ल्यूएसीसी परिघटना की भूमिका को अहम पाया है. साफ़ शब्दों में कहें तो अत्याधिक ठंड के लिए भी ग्लोबल वार्मिंग ही जिम्मेदार है.
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View In Appदरअसल हाल ही में ग्वांगजू इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के शोधकर्ताओं ने एक रिसर्च की है. जिसमें आर्कटिक में भी घटती बर्फ़ पर रिसर्च की गई है.
इस रिसर्च में पाया गया है कि जेट स्ट्रीम ठंडी आर्कटिक हवा को गर्म हवा से दक्षिण की ओर अलग करने वाली सीमा के रूप में काम करती है. गर्म होते आर्कटिक की वजह से उसके और मध्य अक्षांशों के बीच तापमान के बीच अंतर कम हो जाता है. इससे जेट स्ट्रीम कमजोर हो जाती है, लेकिन वो लहरदार स्वरूप में नज़र आने लगती है.
वहीं लहरदार जेट स्ट्रीम से बड़े, घूमने वाले लूप बनने का खतरा भी पैदा हो जाता है, जो कि ठंडी आर्कटिक हवा को बाहर निकलने और उत्तरी अमेरिका, यूरोप और एशिया जैसे क्षेत्रों में दक्षिण की ओर जाने का मौका देते हैं.
यही वजह है कि इन क्षेत्रों में बहुत ही ज्यादा ठंड का अनुभव होता है, जो दर्शाता है कि कैसे गर्म आर्कटिक का उस क्षेत्र के मौसम के पैटर्न पर लंबे समय तक अर पड़ता है.
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