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बाइक में क्यों लगता है पेट्रोल इंजन, क्या है इसके पीछे का साइंस
अधिकांश लोगों के घरों में बाइक या स्कूटी जैसे दोपहिया वाहन मौजूद है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि दोपहिया वाहन में सभी लोग पेट्रोल ही क्यों डालते हैं. दोपहिया वाहन में डीजल क्यों नहीं डाला जाता है.

आज हम आपको बताएंगे कि बाइक में हमेशा पेट्रोल इंजन ही क्यों लगाया जाता है. क्योंकि डीजल तो पेट्रोल के मुकाबले सस्ता भी होता है. इसलिए कंपनी को डीजल इंजन लगाना चाहिए.
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मकैनिकल एक्सपर्ट रेबेका विलियम्स के मुताबिक डीजल इंजन अपनी हाई एफिशिएंसी लो कार्बन उत्सर्जन और हाई टार्क के लिए जाने जाते हैं. यह किसी भी इंजन के लिए काफी काम की चीज है. लेकिन इतनी क्षमता होने के बावजूद मोटरसाइकिलों में कभी डीजल इंजन का प्रयोग नहीं किया जाता है. बाइकों में पेट्रोल, गैसोलीन और इलेक्ट्रिक इंजन का इस्तेमाल किया जाता है. इसके पीछे वजह खास है.
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जानकारी के मुताबिक डीजल इंजन गैसोलीन या इलेक्ट्रिक इंजन की तुलना में भारी होते हैं. क्योंकि उनमें ज्यादा कंपोनेंट लगाए जाते हैं. इसकी वजह ये है कि डीजल इंजन को ज्यादा कूलिंग की जरूरत होती है.
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इसके अलावा इंजन का वजन ज्यादा होने से मोटरसाइकिल का वेट बढ़ जाता है, जिससे उसकी स्पीड कम हो जाती है. बाइक आमतौर पर हल्की डिजाइन की जाती है, ताकि वह तेजी से भाग सके. ऐसे में डीजल इंजन फिट नहीं बैठता.
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इसके अलावा दूसरी वजह ये है कि डीजल इंजन गैसोलीन या इलेक्ट्रिक इंजन की तुलना में अधिक महंगे होते हैं. क्योंकि इनके उत्पादन के लिए अधिक सामग्री और प्रौद्योगिकी की आवश्यकता होती है. उन्हें अधिक रखरखाव और मरम्मत की भी जरूरत होती है. इससे बाइक की लागत ज्यादा हो जाती है.
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डीजल इंजन गैसोलीन या इलेक्ट्रिक इंजन की तुलना में अधिक तेज होते हैं. क्योंकि वे अधिक कंपन और दहन शोर उत्पन्न करते हैं. इतनी तेज आवाज उस पर बैठने वाले लोगों और अगल-बगल चलने वाले लोगों को परेशान कर सकती है.
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इसके अलावा खासकर शहरी क्षेत्रों में ध्वनि प्रदूषण एक समस्या है. इसलिए बाइक को आमतौर पर शांत चलने के लिए बनाया जाता है. डीजल इंजनों में गैसोलीन या इलेक्ट्रिक इंजनों की तुलना में कम एनर्जी जेनरेट होती है. इससे इंजन का आरपीएम कम हो जाता है.
Published at : 24 Mar 2024 03:35 PM (IST)
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राजेश शांडिल्यसंपादक, विश्व संवाद केन्द्र हरियाणा
Opinion