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(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Snakes:सांप अपनी केंचुल क्यों उतारते, इस वजह से रंगीन सांप के केंचुल भी होते हैं पारदर्शी
जानकारी के मुताबिक सांप के असल चमकीले रंग उसकी फिक्स त्वचा के भीतर होते हैं. वहीं ऊपर के शल्क आमतौर पर पारदर्शी होते हैं. इसी वजह से सांप जब अपनी शल्क यानि केंचुल उतारता है तो ये आमतौर पर पारदर्शी या सफेद रंग की होती है. हालांकि कभी कभी सांप की त्वचा पर गहरे भूरे रंग काली धारियां या धब्बे भी नजर आते हैं.
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View In Appसांप अलग-अलग समय पर अपना केंचुल निकालते हैं. जैसे किंग कोबरा साल में करीब पांच बार अपनी त्वचा यानी केंचुली छोड़ते हैं. हालांकि सांप कितनी बार अपनी केंचुली उतारता है. ये उसकी उम्र और प्रजाति पर भी निर्भर करता है. एक्सपर्ट के मुताबिक युवा सांप हर दो सप्ताह में अपनी स्कीन उतार सकते हैं, जबकि बूढ़े सांप साल में केवल दो बार ही ऐसा कर सकते हैं.
सांप अपनी केंचुली क्यों उतारते हैं, ये भी एक सवाल है. क्योंकि ये उनके साथ बढ़ती नहीं है. जानकारी मुताबिक सांप जैसे-जैसे बढ़ता है, उसकी त्वचा उसके साथ नहीं बढ़ती है. इसलिए उसे बढ़ी हुई त्वचा को छोड़ना पड़ता है. सांप महीने में एक बार अपनी त्वचा उतार सकते हैं, लेकिन आमतौर पर साल में केवल कुछ बार उतारते हैं. अगर किसी को ये पूरी मिल जाती है, तो उसे भाग्यशाली समझा जाता है.
बता दें कि सांप द्वारा अपनी केंचुली छोड़ने का दूसरा कारण परजीवियों या घुन से छुटकारा पाना भी होता है. दरअसल सांप के शरीर पर परजीवी त्वचा से चिपक जाते हैं, इसलिए जब त्वचा हटा दी जाती है. उस वक्त अधिकांश परजीवी सीधे उसके साथ चले जाते हैं. क्योंकि सरीसृप इन परजीवियों को अपने शरीर से धोने में सक्षम नहीं होते हैं. इसलिए सांप पूरी पुरानी स्किन को निकाल देना ही जरूरी समझते हैं.
जानकारी के मुताबिक जंगल में सांप अपने शरीर को चट्टानों, पेड़ के ठूंठों या यहां तक कि किसी पौधे के मजबूत तने से रगड़ते हैं. यह अपने शरीर को वस्तु की सतह पर धीरे-धीरे घुमाते हैं और त्वचा को धीरे-धीरे हटाता है. इसके अलावा सांप जहां रहते हैं, वहां मौजूद सामान जैसे लोहे के पाइप, पेड़ का इस्तेमाल करते हैं.
ये सच है कि केंचुली उतारना कष्टदायक प्रक्रिया होती है. इस दौरान सांप की भूख कम हो जाती है. उसे पेटदर्द भी हो सकता है. इस दौरान वो बहुत सुस्त हो जाते हैं. जब वह पूरी तरह त्वचा को उतार देता है तभी फिर खाना शुरू करता है.
इसके अलावा केंचुल का इस्तेमाल कुछ तरह के चर्म रोगों में किया जाता है. मध्य प्रदेश की कुछ खास जनजातियां चर्म रोगों में बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल किया करती हैं. सांप की केंचुली को स्किन पर लगाया जाता है. दवा के रूप में भी खाया जाता है. मान्यता है कि सांप की केंचुली घर में रखने से धन-धान्य की कमी नहीं होती. इसके अलावा सांप की केंचुली घर में रखने से प्रेत बाधाओं और बुरी नज़र से भी बचाव होता है.
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