'गूलर का फूल होना' ही क्यों कहा जाता है, गुलाब या चमेली का क्यों नहीं?
गूलर का फूल होना मुहावरे का अर्थ होता है - दुर्लभ होना या फिर दिखाई न देना. इसका इस्तेमाल किसी दुर्लभ चीज या किसी ऐसे इंसान के लिए किया जाता है जो बेहद कम दिखाई देता हो.
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View In Appदरअसल, गूलर एक वृक्ष होता है जो भारत और दक्षिण एशिया के कुछ हिस्सों में पाया जाता है. इसका वैज्ञानिक नाम Ficus racemosa है.
यह गूलाबी फलों वाला एक पेड़ होता है. गूलर का पेड़ बड़ा होता है, जिसका तना फैलावट और विस्तृत छाया देता है. गूलर पर फल तो लगता है, लेकिन इसपर कभी फूल दिखाई नहीं देता है.
यही कारण है कि किसी दुर्लभ चीज या दिखाई न देने वाले की तुलना गूलर के फूल से की जाती है. यानी गूलर के फूल न दिखने का मतलब यह नहीं को वो अस्तित्व में ही नहीं हैं, बल्कि वो कभी किसी को दिखाई नहीं देते हैं.
मुहावरे के मुताबिक गूलर के फूल नहीं होते हैं, लेकिन वनस्पति विज्ञान का कहना कुछ ओर ही है. गूलर के फल में ही इसका फूल छिपा होता है. मुहावरे का उद्देश्य दुर्लभ को संबोधित करना है, इसलिए मुहावरे में गूलर के फूल का जिक्र किया गया है, न कि किसी आसानी से दिख जाने वाले फूल का.
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