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Expensive Fruit: इस पौधे का फल सोने से भी महंगा, इस जगह होता है इस्तेमाल

Bodhichitta Tree: सोना यानी गोल्ड बेहद कीमती धातु है, लेकिन एक पेड़ का फल उससे भी ज्यादा महंगा बिकता है. आइए आपको इस पेड़ के बारे में बताते हैं.

Bodhichitta Tree: सोना यानी गोल्ड बेहद कीमती धातु है, लेकिन एक पेड़ का फल उससे भी ज्यादा महंगा बिकता है. आइए आपको इस पेड़ के बारे में बताते हैं.

किसी पेड़ की पत्तियों का इस्तेमाल जड़ी-बूटी में किया जाता है तो किसी पेड़ का फल ही लाखों में बिकता है. सभी पौधों की अपनी एक खास वजह होती है, लेकिन आज हम आपको जिस पेड़ के बारे में बता रहे हैं, इसका इस्तेमाल कई देशों में होता है.

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आज हम आपको एक ऐसे पेड़ के बारे में बताएंगे, जिसका दाम सोने से भी महंगा है. दरअसल इस पौधे का बीज एक खास काम में इस्तेमाल होता है, जिसके चलते इसका दाम काफी ज्यादा है. आप हम आपको जिस पेड़ के बारे में बता रहे हैं, वह नेपाल का बोधिचित्त पेड़ है. इस पेड़ को 'सोने की खान' कहा जाता है.
आज हम आपको एक ऐसे पेड़ के बारे में बताएंगे, जिसका दाम सोने से भी महंगा है. दरअसल इस पौधे का बीज एक खास काम में इस्तेमाल होता है, जिसके चलते इसका दाम काफी ज्यादा है. आप हम आपको जिस पेड़ के बारे में बता रहे हैं, वह नेपाल का बोधिचित्त पेड़ है. इस पेड़ को 'सोने की खान' कहा जाता है.
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बता दें कि बोधिचित्त अथवा बोधि के पेड़ नेपाल के साथ-साथ एशिया के तमाम देशों में पाए जाते हैं. हालांकि, नेपाल के कावरेपालनचोक में पाया जाने वाला बोधिचित्त वृक्ष सबसे बेस्ट क्वालिटी का माना जाता है. इनकी कीमत भी और इलाकों में मिलने वाले पेड़ों के मुकाबले तीन से चार गुना ज्यादा होती है.
बता दें कि बोधिचित्त अथवा बोधि के पेड़ नेपाल के साथ-साथ एशिया के तमाम देशों में पाए जाते हैं. हालांकि, नेपाल के कावरेपालनचोक में पाया जाने वाला बोधिचित्त वृक्ष सबसे बेस्ट क्वालिटी का माना जाता है. इनकी कीमत भी और इलाकों में मिलने वाले पेड़ों के मुकाबले तीन से चार गुना ज्यादा होती है.
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बोधिचित्त पेड़ का नाम संस्कृत के दो शब्दों 'बोधि' और 'चित्त' से मिलकर बना है. बोधि यानी ज्ञान और चित्त यानी आत्मा होता है. बौद्ध धर्म में बोधिचित्त पेड़ का बहुत महत्व है. तमाम लोग इस पेड़ को सीधे गौतम बुद्ध से जोड़कर देखते हैं.
बोधिचित्त पेड़ का नाम संस्कृत के दो शब्दों 'बोधि' और 'चित्त' से मिलकर बना है. बोधि यानी ज्ञान और चित्त यानी आत्मा होता है. बौद्ध धर्म में बोधिचित्त पेड़ का बहुत महत्व है. तमाम लोग इस पेड़ को सीधे गौतम बुद्ध से जोड़कर देखते हैं.
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नेपाल के स्थानीय लोग इस पेड़ को फेरेंगबा कहते हैं. तिब्बत में इसे तेनुवा और चीन में शू झू के नाम से जाना जाता है, लेकिन हर जगह इसका महत्व उतना ही है.
नेपाल के स्थानीय लोग इस पेड़ को फेरेंगबा कहते हैं. तिब्बत में इसे तेनुवा और चीन में शू झू के नाम से जाना जाता है, लेकिन हर जगह इसका महत्व उतना ही है.
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बोधिचित्त का पेड़ इतना खास और महंगा इस पेड़ के बीज की वजह से है, जिसका इस्तेमाल बौद्ध प्रार्थना की माला बनाने में किया जाता है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक पेड़ से प्राप्त बीज एक सीजन में 90 लाख रुपये तक बिकता है.
बोधिचित्त का पेड़ इतना खास और महंगा इस पेड़ के बीज की वजह से है, जिसका इस्तेमाल बौद्ध प्रार्थना की माला बनाने में किया जाता है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक पेड़ से प्राप्त बीज एक सीजन में 90 लाख रुपये तक बिकता है.
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नेपाल के कुछ स्थानीय लोग खुद बोधिचित्त की माला तैयार करते हैं. माला में इस्तेमाल होने वाला बोधिचित्त का बीज 13 मिलीमीटर से 16 मिलीमीटर तक का होता है. जानकारी के मुताबिक, ये 50 डॉलर से 200 डॉलर तक में बिक जाता है. इसके सबसे बड़े बीज सबसे महंगे होते हैं. ये 800 अमेरिकी डॉलर तक में बिकते हैं. बौद्ध धर्म के लोग सबसे ज्यादा इसका इस्तेमाल करते हैं.
नेपाल के कुछ स्थानीय लोग खुद बोधिचित्त की माला तैयार करते हैं. माला में इस्तेमाल होने वाला बोधिचित्त का बीज 13 मिलीमीटर से 16 मिलीमीटर तक का होता है. जानकारी के मुताबिक, ये 50 डॉलर से 200 डॉलर तक में बिक जाता है. इसके सबसे बड़े बीज सबसे महंगे होते हैं. ये 800 अमेरिकी डॉलर तक में बिकते हैं. बौद्ध धर्म के लोग सबसे ज्यादा इसका इस्तेमाल करते हैं.

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