Last Tea Stall: स्वर्ग के रास्ते पर पड़ती है भारत की आखिरी दुकान, जहां रुकता है हर कोई!
उत्तराखंड के चमोली जिले में समुद्र तल से 11 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित एक गांव है. जिसका नाम है माणा. यह गांव भारत और चीन की सीमा से कुछ ही दूरी पर बसा हुआ है. इस गांव में चाय की एक छोटी सी दुकान है. जिसे देश की आखिरी चाय की दुकान के नाम से जाना जाता है. इस जगह से सीधा स्वर्ग का रास्ता भी जाता है.
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View In Appयहां आने वाले पर्यटक देश की इस आखिरी दुकान पर चाय और मैगी का भरपूर मजा लेते हैं और साथ में सेल्फी और ढेरों फोटोज भी खींचते हैं. इस दुकान को चंद्र सिंह बारवाल ने 25 साल पहले खोला था.
सरकार ने भी इस गांव की धार्मिक और ऐतिहासिक महत्ता को देखते हुए इसे टूरिज्म विलेज का दर्जा दिया था. इस दुकान पर एक बोर्ड लगा है, जिस पर हिंदी के साथ-साथ भारत की 10 भाषाओं में ‘भारत की आखिरी चाय की दुकान में आपका हार्दिक स्वागत है’ लिखा गया है.
यह दुकान वेद व्यास की गुफाओं के पास बनी हुई है, जहां महाकाव्य महाभारत की रचना हुई थी. दरअसल, यहां के लोगों का मानना है कि माणा गांव का इतिहास महाभारत से जुड़ा है. पुराने समय में इस गांव का नाम मणिभद्रपुरम था और पांडव इसी जगह से स्वर्ग की ओर निकले थे. इस गांव की मुख्य सड़क पर एक बोर्ड भी लगा हुआ है, जिस पर माणा गांव भारत का आखिरी गांव लिखा हुआ है.
हरिद्वार रेलवे स्टेशन से आपको टैक्सी से 202 किमी दूर चमोली आना होगा. माणा गांव इसके बहुत करीब है. अगर आपको यहां घूमना है तो आप अक्टूबर से अप्रैल तक घूम सकते हैं, लेकिन मानसून के दिनों में यहां से आने बचें.
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