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(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
विक्रम साराभाई से लेकर अब्दुल कलाम तक... स्पेस सेक्टर में भारत के पांच बड़े साइंटिस्ट्स
भारत स्पेस सेक्टर में जिस मुकाम पर पहुंचा है, उसके पीछे देश के कई बड़े वैज्ञानिकों की मेहनत और लगन शामिल है.
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View In Appभारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ISRO की नींव रखने वाले वैज्ञानिक थे विक्रम साराभाई, उन्होंने भारत सरकार को स्पेस सेक्टर के महत्व को समझाया. जिसके बाद भारत का पहला स्पेस सैटेलाइट आर्यभट्ट लॉन्च हुआ. साराभाई को फादर ऑफ इंडियन स्पेस प्रोग्राम भी कहा जाता है.
भारत की अंतरिक्ष में ऊंची उड़ान का श्रेय मशहूर स्पेस साइंटिस्ट सतीश धवन को भी जाता है. 1972 में वो इसरो के अध्यक्ष बने थे. उनके ही नाम पर श्रीहरिकोटा में लॉन्च सेंटर सतीश धवन स्पेस सेंटर बना है. उन्हें Father Of Experimental Fluid Dynamics कहा जाता है.
भारत के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम भी एक मशहूर साइंटिस्ट थे, जिन्होंने डीआरडीओ और इसरो दोनों में ही काम किया. उन्हें रॉकेट और मिसाइल सिस्टम में योगदान के लिए जाना जाता है. कलाम को मिसाइल मैन ऑफ इंडिया कहा जाता है.
डॉ के राधाकृष्णन ने भी भारत को अंतरिक्ष में कई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का काम किया. उन्होंने इसरो के अध्यक्ष रहते हुए जीएसएलवी के लिए स्वदेशी इंजन तैयार करने और मंगलयान को सफलतापूर्वक पहुंचाने का काम किया.
उडुपी रामचंद्र राव का नाम भी इसरो के बड़े वैज्ञानिकों की लिस्ट में शुमार हैं. राव भी इसरो के अध्यक्ष रह चुके हैं. उन्हीं के नेतृत्व में पहले सैटेलाइट आर्यभट्ट को अंतरिक्ष में भेजा गया. सैटेलाइट हॉल ऑफ फेम में शामिल होने वाले वो पहले भारतीय बने थे.
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