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क्या होता है लैग्रेंजियन प्वाइंट और क्यों आदित्य L1 को वहां पहुंचाना चाहता है इसरो?
Aditya L1: भारत के पहले सोलर मिशन आदित्य एल1 को इसरो द्वारा 2 सितंबर 2023 को श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया था. जो अब लैग्रेजियन प्वाइंट पर पहुंचने वाला है, चलिए जानते हैं लैग्रेजियन प्वाइंट है क्या.
![Aditya L1: भारत के पहले सोलर मिशन आदित्य एल1 को इसरो द्वारा 2 सितंबर 2023 को श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया था. जो अब लैग्रेजियन प्वाइंट पर पहुंचने वाला है, चलिए जानते हैं लैग्रेजियन प्वाइंट है क्या.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/01/06/d4633ce1bb64550b02c41b8351ff67551704523306795742_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
क्या होता है लैग्रेंजियन प्वाइंट
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![भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का पहला सौर मिशन आदित्य एल1 लैंग्रेजियन प्वाइंट के बेहद करीब पहुंच गया है. उम्मीद के अनुसार ये आज यानी शनिवार 6 जनवरी को लगभग 4 बजे अपनी कक्षा में स्थापित हो जाएगा.](https://cdn.abplive.com/imagebank/default_16x9.png)
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का पहला सौर मिशन आदित्य एल1 लैंग्रेजियन प्वाइंट के बेहद करीब पहुंच गया है. उम्मीद के अनुसार ये आज यानी शनिवार 6 जनवरी को लगभग 4 बजे अपनी कक्षा में स्थापित हो जाएगा.
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![दरअसल लैग्रेंजियन पाइंट वो होते हैं जहां गुरुत्वाकर्षण बल, दो वस्तुओं के बीच कार्य करते हुए, एक दूसरे को इस तरह से संतुलित करते हैं कि अंतरिक्ष यान लंबे समय तक 'मंडरा' सकता है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/01/06/c539cfa79488e1255850ae23552f99dad2be8.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
दरअसल लैग्रेंजियन पाइंट वो होते हैं जहां गुरुत्वाकर्षण बल, दो वस्तुओं के बीच कार्य करते हुए, एक दूसरे को इस तरह से संतुलित करते हैं कि अंतरिक्ष यान लंबे समय तक 'मंडरा' सकता है.
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![सौर अवलोकनों के लिए लैग्रेंजियन पाइंट 1 बिंदु को लैग्रेंजियन बिंदुओं में सबसे जरूरी माना जाता है, जिसकी खोज गणितज्ञ जोसेफ लुईस लैग्रेंज ने की थी.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/01/06/ed832181cc9a48d3f3502d145feb5748f748c.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
सौर अवलोकनों के लिए लैग्रेंजियन पाइंट 1 बिंदु को लैग्रेंजियन बिंदुओं में सबसे जरूरी माना जाता है, जिसकी खोज गणितज्ञ जोसेफ लुईस लैग्रेंज ने की थी.
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![वहीं न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, आदित्य एल1 मिशन के पीछे इसरो का मुख्य लक्ष्य एल1 के पास की कक्षा से सूर्य का अध्ययन करना है. ये मिशन सात पेलोड लेकर जा रहा है जो अलग-अलग वेव बैंड में फोटोस्फेयर (प्रकाशमंडल), क्रोमोस्फेयर (सूर्य की दिखाई देने वाली सतह से ठीक ऊपरी सतह) और सूर्य की सबसे बाहरी परत (कोरोना) पर रिसर्च करने में सूर्य की मदद करेंगे.](https://cdn.abplive.com/imagebank/default_16x9.png)
वहीं न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, आदित्य एल1 मिशन के पीछे इसरो का मुख्य लक्ष्य एल1 के पास की कक्षा से सूर्य का अध्ययन करना है. ये मिशन सात पेलोड लेकर जा रहा है जो अलग-अलग वेव बैंड में फोटोस्फेयर (प्रकाशमंडल), क्रोमोस्फेयर (सूर्य की दिखाई देने वाली सतह से ठीक ऊपरी सतह) और सूर्य की सबसे बाहरी परत (कोरोना) पर रिसर्च करने में सूर्य की मदद करेंगे.
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![इसरो चीफ ने इसके बारे में बताते हुए कहा था कि जब आदित्य L-1 अपने गंतव्य पर पहुंच जाएगा तो यह अगले 5 सालों तक सूर्य पर होने वाली विभिन्न घटनाओं का पता लगाने में मदद करेगा.](https://cdn.abplive.com/imagebank/default_16x9.png)
इसरो चीफ ने इसके बारे में बताते हुए कहा था कि जब आदित्य L-1 अपने गंतव्य पर पहुंच जाएगा तो यह अगले 5 सालों तक सूर्य पर होने वाली विभिन्न घटनाओं का पता लगाने में मदद करेगा.
Published at : 06 Jan 2024 12:32 PM (IST)
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