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दुनिया में पहली बार कब बनाया गया था डोसा, इसका इतिहास इतना पुराना कि कई सभ्यताएं भी लगेंगी नई
साउथ इंडिया की ये डिश पूरे भारत में बड़े चाव से खाई जाती है. आज आपको ये हर गली चौराहे पर बिकती हुई नजर आ जाएगी. चलिए आपको आज इस खास डिश के बारे में पूरी जानकरी देते हैं.

डोसे का इतिहास
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इसके लिखित इतिहास की बात करें तो डोसा के बारे में सबसे पहला उल्लेख तमिलनाडु के 8वीं शताब्दी के शब्दकोश में मिलता है. वहीं कन्नड़ साहित्य में डोसा का सबसे पहला जिक्र एक सदी बाद मिलता है. जबकि, 10वीं सदी में डोसा को एक दूसरे नाम कंजम से भी उल्लेखित किया जाता है.
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इतिहास के पन्नों के साथ-साथ ये डिश दक्षिण भारत के मंदिरों में भी दिखाई देती है. कहा जाता है कि तमिलनाडु के कुछ मंदिरों में 16वीं शताब्दी के कई शिलालेखों में भी डोसे का जिक्र मिलता है.
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यहां तक कि तिरूपति, श्रीरंगम और कांचीपुरम के विष्णु मंदिरों के शिलालेखों में ये उल्लेख मिलता है कि भगवान को प्रसाद के रूप में डोसा चढ़ाने के लिए धन दान करने प्रथा उस समय प्रचलित थी और इसे दोसापदी के नाम से जाना जाता था.
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वहीं कुछ इतिहासकार मानते हैं कि डोसा का पहला ज़िक्र 5वीं सदी में मिलता है. इतिहासकारों के मुताबिक, तब कर्नाटक के उड्डपी के मंदिर के आस-पास की गलियां डोसा के लिए लोकप्रिय थीं. जबकि, मसाला डोसा मैसूर के महाराजा वडयार की वजह से अस्तित्व में आया था.
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डोसे के इतिहास के बारे में तो आपने जान लिया, लेकिन क्या आप दुनिया के सबसे बड़े डोसे के बारे में जानते हैं. चलिए आपको बताते हैं. दरअसल, हाल ही में एमटीआर फूड्स ने 123 फीट सबसे लंबे डोसे का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है.
Published at : 13 May 2024 06:26 PM (IST)
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मनीष शर्मा, Associate Director, NTT Data
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