हवाई जहाज या रॉकेट पीछे बनीं सफेद लाइन को धुआं समझने की गलती तो नहीं करते आप! यहां जानिए उसकी हकीकत
NASA की एक रिपोर्ट बताती है कि विमान के पीछे आसमान में बनने वाली इन सफेद लकीरों को कंट्रेल्स कहते हैं. दरअसल, कंट्रेल्स भी एक प्रकार से बादल ही होते हैं, लेकिन ये बादल आम बादलों से अलग होते हैं. ये बादल सिर्फ हवाई जहाज या रॉकेट के गुजरने के बाद ही बनते हैं.
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View In Appरिपोर्ट के अनुसार, इस तरह के बादल तभी बनते हैं जब विमान धरती से लगभग 8 किलोमीटर ऊपर और -40 डिग्री सेल्सियस तापमान में उड़ रहा हो. रॉकेट या हवाई जहाज के एग्जॉस्ट से एरोसॉल्स निकलते हैं और आसमान की नमी इन एरोसॉल्स से साथ जम कर कंट्रेल्स बनाती है.
आपने यह भी देखा होगा कि विमान के गुजरने के कुछ देर बाद ही ये लुप्त हो जाते हैं. हवा में मौजूद नमी इनके बनने का कारण होती है.
कई बार ऐसा होता है कि आसमान में इतनी ऊंचाई पर तेज हवा की वजह से कंट्रेल्स अपनी जगह से खिसक भी जाते हैं. ऐसा बिल्कुल भी जरूरी नहीं है कि वो वहीं दिखे जहां से जहाज गुजरा था.
सबसे पहले यह कंट्रेल्स 1920 में सेकंड वर्ल्ड वॉर के दौरान दिखाई दिए थे. तब भी ये दूर से ही सबकी नजरों में आ जाते थे. इनकी मदद से लड़ाकू पायलट पकड़ में आने से भी बच जाते थे. बल्कि, इस धुएं के कारण कई विमानों के आपस में टकराने की खबरें भी आई थीं क्योंकि विमान के पायलट को कुछ दिख नहीं रहा था.
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