ज्वालामुखी आने से पहले क्यों हरे हो जाते हैं आस-पास के पौधे, जानिए इसके पीछे की वजह
बता दें कि वैज्ञानिक दशकों से रिसर्च कर रहे हैं, जिससे कुछ घंटों पहले भी पता चल सके कि ज्वालामुखी कब फटने वाला है. लेकिन वैज्ञानिकों को इसमें पूरे तरीके से सफलता नहीं मिली है.
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View In Appहालांकि एक रोचक शोध में वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि ज्वालामुखियों के फटने से ठीक पहले उसके आसपास के पेड़ पौधे हरे हो जाते हैं. इस अध्ययन ने वैज्ञानिकों में ऐसी उम्मीद जगाई है कि वे भविष्य में एक ऐसा सिस्टम तैयार कर सकते हैं, जिससे ज्वालामुखियों को फटने का पूर्वानुमान लगाया जा सकता है.
बता दें कि जियोकैमिस्ट्री, जियोफिजिक्स, जियो सिस्टम्स में प्रकाशित इस अध्ययन की अगुआई मैकगिल यूनिवर्सिटी के रॉबर्ट बोग ने की है. शोध में बताया गया है कि पौधों के ज्यादा हरे हो जाने की वजह ज्वालामुखी के फूटने से ठीक पहले वायुमंडल में बढ़ी कार्बनडाइऑक्साइड की मात्रा होती है.
वहीं इस अध्ययन के लिए वैज्ञानिकों ने अमेरिका के येलोस्टोन नेशनल पार्क की चार दशकों- 1984 से 2022 तक ली गईं सैटेलाइट तस्वीरों का आंकलन किया. जहां भूकंपों का किसी भी तरह से पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता है. लेकिन ज्वालामुखियों के फटने से ठीक पहले कुछ शुरुआती चेतावनी संकेत मिलते हैं. इसमें भारी मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन किसी ज्वालामुखी गतिविधि का स्पष्ट संकेत होता है.
वैज्ञानिकों ने बताया कि ज्वालामुखियों के साथ एक समस्या ये है कि उनका सीधा अवलकोन बहुत मुश्किल होता है. केवल सैटेलाइट की तस्वीरों के जरिए ही ज्वालामुखी और उसके आसपास की गतिविधियों का पता चल सकता है. जब ज्वालामुखी गतिविधियां चरण पर होती हैं तो बहुत ज्यादा सल्फरडाइऑक्साइड की वजह से आसपास के पौधे कत्थई होने लगते हैं. शोधकर्ताओं का कहना है कि इस तरह का चेतावनी तंत्र शंकुधारी ज्वालामुखियों के लिए बहुत अच्छे से काम कर सकता है.
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