Traffic lights: ट्रैफिक लाइट में लाल रंग का मतलब ही क्यों होता है रूकना, किसी और रंग का क्यों नहीं होता इस्तेमाल
हर शहर में आपने ट्रैफिक सिग्नल जरूर देखा होगा. सभी ट्रैफिक सिग्नल में तीन रंग होते हैं. जिसमें लाल, हरा और पीला रंग है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि गाड़ियां हमेशा लाल रंग के सिग्नल पर ही क्यों रूकती हैं.
Download ABP Live App and Watch All Latest Videos
View In Appबता दें कि ट्रैफिक सिग्नल में रेड, येलो और ग्रीन लाइट लगाने के पीछे एक मुख्य वजह है. लाइव साइंस की एक रिपोर्ट के मुताबिक शुरुआत में ट्रैफिक सिग्नल में जो कलर यूज किया जाता था, वह समुद्री जहाज के नेविगेशन सिस्टम पर आधारित था. समुद्री जहाज में रेड और ग्रीन सिग्नल लगे होते थे. जिसे देखकर जहाज का क्रू आसानी से बता देता था कि जहाज किस दिशा में जा रहा है.
अब सवाल है कि रेड और ग्रीन कलर लगाने के पीछे क्या वजह थी. दरअसल दूसरे कलर के मुकाबले इन रंगों को दूर से भी साफ-साफ देखा जा सकता है. इसीलिये समुद्री जहाज नेविगेशन में इनका इस्तेमाल किया करते थे. इसके अलावा पुराने लाइट हाउस में भी यही कलर यूज होते थे. जिसके बाद ट्रैफिक सिग्नल में भी इनको शामिल कर लिया गया था.
सिग्नल पर गाड़ियों को रूकने के लिए लाल रंग का ही इस्तेमाल क्यों किया जाता है. बता दें कि समुद्र में लाल रंग का सिग्नल काफी दूर से देखा जा सकता है. समुद्री नेविगेशन के बाद हर जगह रेलवे, एयरपोर्ट, गाड़ियों में हर जगह रूकने के लिए लाल रंग के सिग्नल का ही इस्तेमाल किया जाता है.
बता दें कि शुरूआती दिनों में जब लंदन के पार्लियामेंट स्क्वायर पर लाइट लगाया गया था, उस समय ट्रैफिक लाइट को मैन्युअल तरीके से इस्तेमाल किया जाता था. लेकिन कुछ समय बाद इसको बंद कर दिया गया था.
10 दिसंबर 1868 को पहली बार लंदन के पार्लियामेंट स्क्वायर पर जो ट्रैफिक सिग्नल लगाया गया था, वो गैस के जरिए जलता था. लेकिन एक बड़े विस्फोट के बाद अगले करीब 50 साल तक ट्रैफिक लाइट्स पर एक तरीके से बैन लग गया था.
- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -