क्या मुंबई में दिखने वाली डबल डेकर बसें देश के किसी और शहर में कभी नहीं चली?
सवाल आता है कि आखिर ये बसें मुंबई को छोड़कर बाकी शहरों में क्यों बंद हो गई? दरअसल, पहले शहरों की सड़कों पर ट्रैफिक बहुत कम हुआ करता था. खाली सड़कों पर इतनी भारी बसों को आसानी से कंट्रोल किया जा सकता था.
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View In Appउस दौर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट आज के मुकाबले कम था और ये बसें ज्यादा पैसेंजर ढोया करती थीं. जिस वजह से डबल डेकर बस को देश के लगभग सभी बड़े शहरों में चलाया जाता था. लेकिन, समय के साथ शहरों का इंफ्रास्ट्रक्चर बदला, ट्रैफिक बढ़ने लगा और फ्लाइओवर्स बनने लगे.
इन बसों की हाइट ज्यादा होने के कारण कभी-कभार ये फ्लाईओवर को भी टच कर जाती थी. वहीं, ऊंचाई ज्यादा होने के कारण इनका गुरुत्व केंद्र ऊंचाई पर होता है तो इनके पलटने के चांस भी ज्यादा रहते हैं.
इन बसों के रूट भी फिक्स रहते थे. अगर किसी वजह से उस रूट पर कोई दिक्कत हो जाती थी तो ऐसे में इन्हे कहीं से और से ले जाना इतना आसान नहीं होता था. इनको चलाने के लिए एक एक्सपर्ट ड्राइवर की जरूरत होती थी. ऐसे में सरकार ने इन बसों को बंद कर दिया.
आज भी ये बसें पूरी मुंबई में नहीं, बल्कि शहर के कुछ ही भागों में चलती हैं. हालांकि, सरकार पुरानी बसों को हटा कर अब इलेक्ट्रिक डबल डेकर बसों की एंट्री कर रही है.
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