एक और एक ग्यारह होना क्यों कहते हैं, 2 और 2 बाइस होना क्यों नहीं?
जिस तरह जब हमारे हाथ की पांचों अंगुलियां एक साथ हो जाती है तो वह किसी भी काम को कर सकती है, क्योंकि एक साथ होने के कारण उनकी शक्ति बढ जाती है .
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View In Appउसी तरह से अगर कोई दो व्यक्ति भी एक साथ खडे हो जाते है तो उनकी शक्ति बढ जाती है. वो आसानी से किसी से भी लड सकते है.
'एक और एक ग्यारह होते हैं' मुहावरे का अर्थ होता है कि एकता में शक्ति होती है या मेल में शक्ति होती है अर्थात जब कोई विपत्ति के समय या विकट संकट के समय आपके साथ खड़ा हो या आपके परिवार के लोग आपके साथ खड़े हो तो आप किसी भी विपत्ति का सामना आसानी से कर सकते हैं.
जब आपके साथ कोई दूसरा होता है आपके साथ एकता की शक्ति होती है और ऐसी परिस्थिति में ही कहा जाता है कि एक और एक ग्यारह होते हैं.
दो और दो बाईस होना न कहने के पीछे का कोई ठोस कारण तो नहीं मिलता है, चूंकि यह मुहावरा एकता की शक्ति को बताने के लिए इस्तेमाल होता है, इसलिए इसमें एक अकेले व्यक्ति और एक से ज्यादा व्यक्तियों की शक्तियों की तुलना की गई है, इसलिए एक और एक ग्यारह कहा गया है. दो और दो बाईस कहने में प्रतीत हो रहा है कि शक्ति पहले से ही 2 लोगो की है इसलिए यह ज्यादा उचित नहीं लगता है.
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