पाकिस्तान में अक्सर क्यों चर्चा में रहते हैं गधे? जान लीजिए कारण
पाकिस्तान सरकार ने अपने देश में गधों की बढ़ती संख्या के बारे में बताया है. पाकिस्तानी सरकार ने देश का आर्थिक सर्वे पेश करने के बाद बताया था कि देश में गधों की संख्या एक साल में 1.72% से बढ़कर 59 लाख हो गई है.
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View In Appअब आप सोच रहे होंगे कि आखिर पाकिस्तान में गधों की संख्या इतनी तेजी से क्यों बढ़ रही है? पाकिस्तान सरकार के मुताबिक 2022 में गधों की संख्या 58 लाख थी. वहीं एक साल के दौरान ही गधों की संख्या एक लाख बढ़ी है.
पाकिस्तान के वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब ने संसद में बताया था कि उनके देश में अभी 5 करोड़ मवेशी हैं. जिसमें 4 करोड़ भैंस, 3 करोड़ भेड़ और 8 करोड़ बकरी है. लेकिन बीते सालों में सबसे ज्यादा गधों की संख्या बढ़ी है. पाकिस्तान सरकार ने पिछले साल कहा था कि वे अब गधों की बिक्री से फॉरेन रिजर्व हासिल करेंगे.
जानकारी के लिए बता दें कि पाकिस्तान गधों का चीन में निर्यात करने के लिए उनकी संख्या बढ़ाने पर विशेष ध्यान दे रहा है. इतना ही नहीं पाकिस्तान की कैबिनेट ने गधों की खाल समेत मवेशियों और डेयरी उत्पादों के चीन निर्यात को मंजूरी भी दी थी. आज के वक्त पाकिस्तान में 80 लाख लोग पशुपालन का काम करते हैं, चीन को गधों निर्यात करने से लोगों की कमाई में 40% का उछाल आया है.
अब सवाल ये है कि आखिर चीन इतनी बढ़ी संख्या में गधों का इस्तेमाल कहां पर करेगा. बता दें कि चीन में गधों की डिमांड सबसे ज्यादा होती है. क्योंकि वहां पर गधों के जरिए दवाई बनाई जाती है. चीन आज दुनियाभर में गधों के सबसे बड़े इंपोर्टर्स में से एक है. चीन में गधे के मांस से लेकर दूध, चमड़ी तक की बड़ी मांग है. इतना ही नहीं गधे का मांस चीन का सबसे लोकप्रिय स्ट्रीट फूड है.
जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान में 80 लाख से ज्यादा लोग इसी व्यापार पर निर्भर है. दुनिया में पाकिस्तान तीसरे नंबर पर सबसे ज्यादा गधें निर्यात करता है. आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 9 लाख करोड़ रुपए के पार पहुंच गया है. इससे बचने के लिए पाकिस्तान सरकार ने लोगों से गधे पालने की अपील की थी.
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