समुद्र में तो कोई ट्रैफिक भी नहीं होता है, फिर पानी के जहाज की स्पीड इतनी कम क्यों होती है?
कार या बाइक को आप आसानी से 100 से 200 किलोमीटर की स्पीड से दौड़ा सकते हैं. हवाई जहाज की भी यही कहानी है. विशालकाय और भारी-भरकम होने के बाद भी यह 300 से लेकर 900 किलोमीटर प्रति घंटा तक की तेज रफ्तार से चलता है.
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View In Appबात अगर पानी के जहाज की करें तो इसकी स्पीड काफी कम होती है. इन्हे अपनी एक यात्रा पूरी करने में महीनों का भी समय लग जाता है. आखिर ऐसा क्यों है कि इनकी रफ्तार इतनी कम रहती है, जबकि समुद्र में तो किसी तरह का कोई ट्रैफिक भी नहीं रहता है? आइए समझते हैं.
दरअसल, इस सबके पीछे RPM और टॉर्क का खेल है. सरल भाषा में कहें तो RPM का मतलब होता है स्पीड और TORQUE का मतलब ताकत से होता है. अगर आप इंजन से अधिक स्पीड चाहते हैं तो उसकी वजन उठाने की क्षमता कम हो जाएगी.
कार और अन्य वाहनों में अच्छे RPM का इंजन लगाया जाता है. कार से लेकर बस आदि का इंजन 2000-4000 RPM पर सेट होता है, क्योंकि उन्हें ज्यादा वजन नहीं उठाना होता है. रेल का इंजन अधिकतम 1000 RPM पर सेट होता है. जबकि, पानी के जहाज का इंजन 100 RPM के हिसाब से डिजाइन किया जाता है. ऐसा इसलिए, ताकि वो ज्यादा से ज्यादा वजन उठा सके.
इसके अलावा, पानी के जहाज बहुत बड़े और भारी भरकम होते हैं. पानी एक सघन मध्यम है, जिसमें चलने के लिए उन्हें काफी ज्यादा ताकत की जरूरत होती है. ऐसे में उनकी रफ्तार कम होती है, क्योंकि ज्यादा पावर पानी को काटते हुए आगे बढ़ने में खर्च होती है.
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