सिम कार्ड के डिजाइन में क्यों कोने में होता है कट, क्या इससे मोबाइल सिग्नल में होता है सुधार?
आज के दौर में 5 साल का छोटा बच्चा और 70 साल का बूढ़ा इंसान भी अपने साथ मोबाइल रख रहा है. इसके अलावा आज इंटरनेट इतना सस्ता हो गया है कि लोग घंटों तक अपने मेबाइल फोन में लगे रहते हैं.
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View In Appस्मार्ट फोन और इंटरनेट के कारण लोगों के स्क्रीन टाइम में भी इजाफा हो गया है. हालांकि मोबाइल चलाने के लिए सबसे अहम चीज, उसमे लगने वाला सिम कार्ड है. बिना सिम कार्ड के आपका फोन मात्र एक डिब्बे के बराबर है.
किसी भी फोन में सिम कार्ड का होना सबसे जरूरी होता है. बाजार में कई कंपनियों के सिम कार्ड मौजूद हैं. लेकिन क्या आपने कभी इस बात पर ध्यान दिया है कि आखिर सिम कार्ड एक कोने से क्यों कटा होता है. बता दें कि ऐसा नहीं है कि केवल अपने देश भारत में ही सिम कार्ड साइड में से कटे होते हैं, बल्कि दुनिया भर में इसी प्रकार के सिम कार्ड बेचे जाते हैं. आज के समय में पूरी दुनिया में कई तरह की टेलीकॉम कंपनियां हैं.
बता दें कि पहले शुरुआती समय में जो सिम कार्ड बनाए जाते थे, वो साइड से कटे हुए नहीं होते थे. उनका डिजाइन बेहद नॉर्मल और आयत आकार का हुआ करता था. ऐसे में लोगों को कई बार यह समझने में काफी दिक्कत होती थी की सिम का सीधा हिस्सा कौन सा है और उल्टा हिस्सा कौन सा है.
ऐसे में लोगों की इस परेशानी को दूर करने के लिए टेलीकॉम कंपनियों ने सिम के आकार में बदलाव करने का निर्णय लिया था. कंपनियों ने सिम कार्ड में बदलाव करते हुए उसके एक साइड को काट दिया. इस कट के लगने के बाद लोगों को मोबाइल फोन में सिम कार्ड डालने और निकालने में आसानी होने लगी थी.
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